चरखी दादरी जयवीर फोगाट 

27 मई, जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। बच्चों के प्यारे  चाचा नेहरू के रूप में पंडित जवाहरलाल नेहरू देश को प्रगति के पथ पर ले जाने वाले खास पथप्रदर्शक थे। यह बात कांग्रेस नेताओं ने आज कांग्रेस कार्यालय पर पंडित नेहरू की 57वीं पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि नेहरू ने पंचशील का सिद्धांत प्रतिपादित किया और 1954 में भारतरत्न से अलंकृत हुए नेहरू ने तटस्थ राष्ट्रों को संगठित कर उनका नेतृत्व किया।           

उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू शुरू से ही महात्मा गांधी से प्रभावित रहे और आजादी की लड़ाई में पूरे सक्रिय रहे। पहले किसान मोर्चे को संगठित करने का श्रेय उन्हीं को जाता है। 1928 में लखनऊ में साइमन कमीशन के विरोध में नेहरू घायल हुए और 1930 के नमक आंदोलन में गिरफ्तार हुए। उन्होंने कुल 9 बार जेल यात्राएं कीं। उन्होंने 6 बार कांग्रेस अध्यक्ष के पद को सुशोभित किया।           

पंडित जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत किया गया। राष्ट्र और संविधान के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को स्थायी भाव प्रदान करना और योजनाओं के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को सुचारू करना जवाहर लाल नेहरू के मुख्य उद्देश्य रहे।         

 इस अवसर पर पूर्व ब्लॉक प्रधान जोरावर सांगवान, बलजीत फौगाट, किसान कांग्रेस नेता राजू मान, सुशील धानक, देवेंद्र लीला समसपुर, संदीप फौगाट, जितेंद्र चरखी, संतोख साहुवास इत्यादि मौजूद थे।

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