सरकार किसान- मजदूर पर ज्यादती करने से आये बाज, 26 को मनाएंगे काला दिवस
चरखी दादरी जयवीर फोगाट
24 मई ,हाल ही में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के हिसार दौरे के दौरान किसानों पर हुई निर्दयतापूर्वक लाठीचार्ज और उसके बाद निर्दोष किसानों पर बनाये मुकदमों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर हिसार में कमिश्नर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन में भाग लेने के लिए आज एक बड़ा जत्था कितलाना टोल से रवाना हुआ। जिसमें इलाके की विभिन्न खाप, किसान, मजदूर, सामाजिक, व्यापारी और कर्मचारी संगठनों से जुड़े लोग शामिल थे। कितलाना टोल पर 151वें दिन अनिश्चितकालीन धरना बदस्तूर जारी रहा और धरने की कमान बुजुर्गों के हाथों में रही।
वक्ताओं ने कहा कि सरकार घमंड में चूर है। यही वजह है कि किसान आंदोलन को चले छह महीने होने को आ गए हैं, इस बीच 450 से ज्यादा किसान शहादत दे चुके हैं। लेकिन अभी तक सरकार नींद से नहीं जागी है। उन्होंने कहा कि किसान- मजदूर के साथ कि गई ज्यादती सरकार को महंगी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के निर्देश पर आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर 26 मई को काला दिवस के रूप में मनाएंगे। इस दिन सभी के घरों पर और धरनों पर काले झंडे फहराये जाएंगे।
धरने पर मास्टर ताराचंद चरखी, मीरसिंह नीमड़ीवाली, ठेकेदार सुंदर सिंह, पूर्व सरपंच बलबीर डोहकी, मास्टर ओमप्रकाश कितलाना, महीपत डोहकी, राजबाला कितलाना, प्रेम शर्मा, बलबीर रासीवास ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि किसान- मजदूर अपने फैसले पर अडिग हैं और जब तक तीनों काले कानून रद्द नहीं होते ये आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार बंगाल की बहादुर जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी जुंडली को सबक सिखाया है आने वाले समय में जहां भी चुनाव होंगे भाजपा और उनके सहयोगियों को मुंह की खानी पड़ेगी।
इस अवसर पर सब्बीर हुसैन कितलाना, हरबीर, सत्यवान धायल, सूबेदार सतबीर सिंह, रामकुमार नम्बरदार, रामफल मलिक, पूर्व सरपंच रणधीर साहुवास, सुमड नम्बरदार, सुरजभान, ज्ञानीराम पैंतावास खुर्द नरेंद्र नकचुंडी, सज्जन सिंह फौगाट, सुरेन्द्र डोहकी इत्यादि मौजूद थी।
हिसार जाने वालों में प्रमुख दादरी से विधायक और खाप सांगवान 40 के प्रधान सोमबीर सांगवान, सचिव नरसिंह डीपीई, फौगाट खाप उन्नीस के प्रधान बलवन्त नम्बरदार, सचिव सुरेश फौगाट, श्योराण खाप पच्चीस के प्रधान बिजेंद्र बेरला, राजकुमार हड़ौदी, गंगाराम श्योराण, मास्टर शेर सिंह, कामरेड ओमप्रकाश, रणधीर घिकाड़ा, धर्मेन्द्र छपार इत्यादि प्रमुख थे।