सीटू से संबंधित आशा वर्कर यूनियन ने राष्ट्रीय स्तर पर हड़ताल करके केन्द्र व राज्य सरकार के खिलाफ अपनी मांगों के समर्थन में गगन भेदी नारे लगाये

चरखी दादरी जयवीर फोगाट,

24 मई,चरखी दादरी सीटू से संबंधित आशा वर्कर यूनियन ने राष्ट्रीय स्तर पर हड़ताल करके केन्द्र व राज्य सरकार के खिलाफ अपनी मांगों के समर्थन में गगन भेदी नारे लगाये व जोरदार प्रदर्शन किया गया। बता दें कि दादरी, बौंद, झोझू, सहित जिला की तमाम पी.एच.सी और सी.एच.सी पर आशा वर्करों ने शत प्रतिशत हड़ताल पर रही। 

प्रदर्शनकारि सभी आशा वर्करों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन व नारेबाजी करते हुए स्थानीय अधिकारियों के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन। प्रदर्शन की अध्यक्षता जिला के अलग अलग सभी पी.एच.सी, सी.एच.सी पर जिला सचिव राजवंती कि अध्यक्षता में और आशा वर्कर यूनियन कि जिला प्रधान कमलेश भैरवी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि हड़ताली आशा वर्करों ने ज्ञापन के माध्यम से मांग करते हुए कहा कि सभी आशाओं को सुरक्षा उपकरण, मास्क, कैप, फेस शिल्ड, सैनिटाइजर इत्यादि उपलब्ध करवाया जाए। साथ ही आशा वर्करों एवं फैसिलिटेटर्स के लिए निशुल्क चिकित्सा जांच कोविड-19 प्रदान किया जाए। और आशा कार्यकर्ताओं को दस हजार रुपए प्रतिमाह जोखिम भत्ते के रूप भुगतान किया जाए, कोविड-19 से डेथ पर 50 लाख रुपए का बीमा कंवर भी सभी आशाओं को व पूरे परिवार के लिए कोविड-19 संक्रमण के इलाज के कवरेज़ हेतु 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए। पारिश्रमिक भत्तों आदि के बकाया का तत्काल भुगतान किया जाए, पेंशन एक्स ग्रेशिया राशि और अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभ दिए बिना या रिटायरमेंट बेनिफिट्स दिए बिना किसी भी आशा वर्कर की छटनी ना की जाए, स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 6% आवंटित करें, सब के लिए स्वास्थ्य के अधिकार के लिए कानून बनाया जाए, सार्वभौमिक उपकर्म के तौर पर एन.एच.एम को सरकार का स्थाईस्वास्थ्य कार्यक्रम बनाया जाए एवं इसके लिए पर्याप्त वित्तीय आवंटन किया जाए,

45 – 46 वें भारतीय श्रम सम्मेलनों की सिफारिशों को लागू करते हुए सभीआशा वर्करों को नियमित किया जाए, और न्यूनतम वेतन 24 हजार रुपए के साथ ही 10 हजार प्रति माह पेंशन सहित सभी सामाजिक सुरक्षा लाभ दिया जाएं और बुनियादी सेवाओं के निजीकरणके प्रस्ताव को जिनमें शामिल हैं स्वास्थ्य (अस्पतालों सहित) राष्ट्रीय डिजिटलस्वास्थ्य मिशन को वापिस ले, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसआई)का कोईनिजीकरण नहीं किया जाए, श्रम संहिता और कृषि अधिनियमों को वापस लिया जाए साथ ही केंद्र व राज्य सरकार की महिला, मजदूर एवं किसान विरोधी नीतियों की घोर आलोचना की और 26 मई को संयुक्त किसान मोर्चा के आव्हान पर सभी कार्य स्थलों, गांव, मोहल्लों, कालोनियों में काला दिवस मनाने का आह्वान करते हुए कहा कि काले झंडे लेकर रोष प्रदर्शन में ज्यादा से ज्यादा संख्या में ग्रामीण व शहरी जनता को शामिल करने की अपील भी कि गई। 

इस दौरान जिला सचिव सुनीता पाडंवान, मुकेश, जिला प्रधान लाजवंती, पिंकी, वीरमति, सुमित्रा, भतेरी, कविता, सुनीता, अनीता, मोनिका, सपना, विजयंता, मुन्नी, निर्मला, रेखा, सुमित्रा प्रमिला, बीरमती, सुनिता, अंतु, धनी, कविता, सुसीला, अंजु, बबीता, रमेश, इत्यादि मौजूद रहीं।

You May Have Missed

error: Content is protected !!