मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री अपनी नाकामियां छिपाने के लिए कर रहे दौरा
कितलाना टोल पर धरने के 143वें दिन गठबंधन सरकार पर कड़े प्रहार
चरखी दादरी जयवीर फोगाट
16 मई, प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के हिसार दौरे का विरोध कर रहे किसानों पर हुए लाठीचार्ज और आंसूगैस छोड़े जाने की सूचना मिलने के बाद कितलाना टोल पर रहे किसानों ने जाम लगा दिया। इस दौरान दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन लग गई। उन्होंने जोरदार नारेबाजी के बीच इस घटनाक्रम की कड़े शब्दों में भर्त्सना करते हुए कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से विरोध कर रहे निहत्थे किसानों पर यह हमला लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने कहा कि कई किसान गम्भीर रूप से घायल हैं और कई को पुलिस ने बंधक बना लिया है। उन्होंने उनकी तुरंत रिहाई की मांग करते हुए कहा कि लाठी और गोली के दम पर किसानों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता।
उन्होंने दादरी में कृषि मंत्री जे.पी दलाल का विरोध करने पहुंचे किसानों को पुलिस द्वारा बलपूर्वक रोके जाने की निंदा करते हुए कहा कि प्रजातंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने और शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे किसानों को भड़काने के लिए इस महामारी में दौरे पर निकले हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना पीड़ितों को राहत पहुंचाने में पूर्णतया विफल रही है और ठीकरा किसानों के सिर फोड़ना चाहती है।
कितलाना टोल पर किसानों ने एक घन्टे का सांकेतिक जाम लगाया। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों के अनिश्चितकालीन धरने के 143वें दिन खाप सांगवान चालीस के सचिव नरसिंह डीपीई, खाप श्योराण 25 के प्रधान बिजेंद्र बेरला, फौगाट खाप उन्नीस के धर्मबीर समसपुर, किसान सभा के ओमप्रकाश दलाल, सुखदेव पालवास, प्रेम शर्मा, राजबाला कितलाना, मीरसिंह ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि सरकार जो मर्जी हथकंडा अपना ले लेकिन किसान तीन काले कानून रद्द होने आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ताकत के बल पर आंदोलन को दबाने का प्रयास कर रही है लेकिन इसमें सफल नहीं होगी।
इस अवसर पर मास्टर ताराचन्द चरखी, सुरजभान झोझू, सुरेन्द्र सरपंच कुब्जानगर, राजकरण पांडवान, धर्मेन्द्र छ्पार, शमशेर सांगवान, जगदीश हुई, सत्यवान कालूवाला, प्रकाश प्रजापति, बलजीत मानकावास, बलबीर रासीवास, सुबेदार सतबीर सिंह, कप्तान रामफल डोहकी, महाबीर बिरही खुर्द, प्रोफेसर जगविन्द्र सांगवान, सुलतान खान, कप्तान चन्दन सिंह कितलाना, महीपाल छ्पार, राजकुमार हड़ौदी, रामानन्द धानक, समुन्द्र सिंह कितलाना, परमजीत फतेहगढ़, हरबीर नम्बरदार, ओमप्रकाश नम्बरदार चरखी इत्यादि मौजूद थे।