किसान सम्मान निधि मतलब, किसान की धोती खोल कर उसके ही सर पर पगड़ी बांधना
इस मैनेजमेंट सरकार ने मार्केटिंग का जो तमाशा किसानों के खाते में पैसे डालने में किया वो सब कॉर्पोरेट्स का एनपीए माफ करते समय क्यों नही किया

पटौदी 15/5/2021 : ‘बीजेपी सरकार सोचती है कि इस किसान सम्मान निधि की राशि से एक बोरी खाद व एक लीटर डीजल खरीद कर उससे बहुत पैदावार करके किसान अपनी आमदनी दोगुनी कर लेगा जिससे आत्मनिर्भर भारत का निर्माण होगा’ उक्त बातें महिला कॉन्ग्रेस प्रदेश महासचिव सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि जो जश्न सरकार ये राशि किसानों के खातों में देते समय मना रही है यही जश्न पूंजीपतियों के लाखों, करोड़ों व अरबों का ऋण माफ करते समय क्यों नही मनाया गया?

कॉन्ग्रेस नेत्री ने कहा कि 1100 रुपए के डीएपी के कट्ठे का रेट 1900 रुपए करके और 65 रुपए डीजल का 92 रू रेट करके, 2000 रुपए किसानों के खातो मे डालना मतलब उसी किसान की धोती खोलकर उसी के सर पर पगड़ी बांधना बस इसी का नाम है किसान सम्मान निधि योजना। उन्होंने कहा कि सरकार ये दिखाने में जुटी है कि एक डीएपी खाद के कट्टे के पैसे किसान को देकर उस पर बहुत बड़ा अहसान किया है।

वर्मा ने प्रेस को जारी पत्र में कहा कि हम किसान सम्मान निधि की 2000 की राशि किसानों के खातों में डालने के फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन सरकार की नीयत इस बारे सही नही है। उन्होंने कहा कि क्या मोदी अपने उस वादे को भी पूरा करेंगें जिसमें उन्होंने अपनी सरकार बनने पर हर भारतीय नागरिक के बैंक खाते में 15 लाख जमा कराने का वादा किया था। और अप्रैल में जिन 34 लाख वेतनभोगियों का रोजगार खत्म हो हुआ है क्या इस आपदा में उनके खातों में भी वो पैसा डालेंगें, क्या उन्होंने जो 73.5 लाख नौकरियां खत्म कर दी जिससे बेरोजगारी दर बढ़कर 8% तक पहुंच गई, क्या वो उनके खातों में भी पैसा डालने का कोई प्रावधान करेंगें।

महिला कॉन्ग्रेस महासचिव वर्मा ने कहा कि इस वैश्विक महामारी के समय भी जरूरी चीजों पर बात ना करके केवल मार्केटिंग में माहिर मोदी सरकार द्वारा केवल 500 रुपया महीना किसानों के खातों में सीधा डालने की खबरों को न्यूज़ चैनलों ने दिखाने में जो उत्साह दिखाया इससे उनकी लाचारी, संवेदनहीनता और चाटूकारिता साबित होती है, काश! कार्पोरेट्स जगत के अरबों का एनपीए माफ करते समय सरकार और मीडिया ने वो सब भी इसी उत्साह से जनता को दिखाया होता?

कॉन्ग्रेस नेत्री ने कहा कि किसानों को 2हजार रुपये की भीख नहीं चाहिए| यदि आप किसानों का हित चाहते हैं तो तीनों काले कानून रद्द करके लिखित में एमएसपी की कानूनी गारंटी वाला बिल उन्हें दो।

क्योंकि आपने कुछ पूंजीपतियों को खुश करने की खातिर देश के करोड़ों किसानों को आघात पहुँचाया है। इसलिए अपनी नस्ल व फसल को बचाने की खातिर आंदोलन करना किसानों की मजबूरी है और काले कानूनों को अच्छा बताना सरकार की मजबूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार सड़क पर आंदोलनरत किसानों की पीड़ा सुने और समझे तभी इस किसान सम्मान निधि की सार्थकता साबित होगी।

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