सदन में बोले गए अपशब्द के लिए मांगे लिखित माफी
महिला होकर बेटी शब्द के अपमानजनक प्रयोग पर उठा बवाल
महिला शिक्षा, सुरक्षा और स्वास्थ्य जैसे अहम मुद्दों की अनदेखी

पटौदी। हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पटौदी से दूसरी और जिला गुरुग्राम की एकमात्र महिला विधायक बिमला चौधरी द्वारा सदन में बोले गए असंसदीय शब्दों को लेकर विरोध तेज हो गया है। कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने इस बयान को न केवल अस्वीकार्य बल्कि महिला विरोधी मानसिकता का परिचायक बताया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से विधायक बिमला चौधरी को आगामी दो सत्रों के लिए निलंबित करने की मांग की है।
बेटी शब्द का अपमान, सत्ता पक्ष की मानसिकता उजागर
पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस एससी सेल की प्रदेश महासचिव पर्ल चौधरी ने कहा कि एक महिला विधायक होकर भी बेटी शब्द को अपमानजनक तरीके से इस्तेमाल करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और असहनीय है। उन्होंने कहा, “जिस प्रकार सदन में बेटी शब्द का अपमान करते हुए दहेज से जोड़कर व्यंग्यात्मक भाषा का प्रयोग किया गया, वह न केवल महिला समाज के लिए बल्कि पूरे संसदीय लोकतंत्र के लिए भी शर्मनाक है।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह बयान भाजपा सरकार की महिला विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों के खिलाफ काम करने के बजाय सत्ताधारी दल के विधायक इसे सामान्यizing कर रहे हैं, जो बेहद चिंताजनक है।
विधायक बिमला चौधरी से लिखित माफी की मांग
पर्ल चौधरी ने कहा कि विधायक बिमला चौधरी को अपने इस असंसदीय और अपमानजनक बयान पर सदन में लिखित माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा, “यह कोई साधारण चुटकुला नहीं था, बल्कि भाजपा सरकार की मानसिकता को दर्शाने वाला बयान था। सत्ता पक्ष को चाहिए कि वह महिलाओं के सम्मान की रक्षा करे, न कि उनके खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करे।”
महिला मुद्दों पर चुप्पी, अपशब्दों पर आक्रामकता
कांग्रेस नेत्री ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार पर भी हमला बोला और कहा कि महिला शिक्षा, महिला सुरक्षा, महिला स्वास्थ्य, और महिला सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने के बजाय, सत्ता पक्ष के नेता असंसदीय शब्दों और महिला विरोधी बयानबाजी में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे नारों को सही मायने में लागू करना चाहती है, तो उसे पहले अपनी पार्टी के नेताओं को मर्यादित भाषा का उपयोग करना सिखाना होगा।
विकास के दावों की भी खुली पोल
पर्ल चौधरी ने विधायक बिमला चौधरी के बयान को भाजपा की डबल इंजन सरकार के खोखले विकास के दावों पर भी करारा तमाचा बताया। उन्होंने कहा कि जब विधायक ने खुद सड़क खराब होने और दहेज से भरी गाड़ी के कीचड़ में फंसने की बात कही, तो यह भाजपा सरकार की विफलताओं का स्पष्ट उदाहरण है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “अगर सड़कें खराब हैं, तो यह सरकार की नाकामी का प्रमाण है, इसे चुटकुला बताकर टालना गलत है।”
भाजपा की महिला विरोधी सोच को उजागर करने का समय
पर्ल चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार एक तरफ बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे लगाती है, तो दूसरी तरफ दहेज प्रथा को बढ़ावा देने वाले बयान दिए जाते हैं। यह दोहरे मापदंड अब जनता के सामने आ चुके हैं। उन्होंने कहा, “यह समय है कि जनता भाजपा की असली सोच को पहचाने और इसे जवाबदेह बनाए।”
निष्कर्ष
पर्ल चौधरी ने स्पष्ट किया कि यदि भाजपा विधायक बिमला चौधरी को उनके इस बयान के लिए दंडित नहीं किया जाता, तो यह लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि महिला विधायकों को महिला अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए, न कि उनके अपमान में सहभागी बनना चाहिए। कांग्रेस नेत्री ने विधानसभा अध्यक्ष से अपील की कि विधायक बिमला चौधरी को तुरंत निलंबित किया जाए और उन्हें सार्वजनिक रूप से लिखित माफी देने के लिए बाध्य किया जाए।