एचईआरसी का उपभोक्ता-केंद्रित फैसला: घरेलू और कृषि श्रेणियों के लिए टैरिफ में कमी, डिस्कॉम की दक्षता में उल्लेखनीय सुधार

चंडीगढ़, 1 अप्रैल: हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए उपभोक्ता-केंद्रित बिजली टैरिफ आदेश की घोषणा की है, जो 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा। इस निर्णय में उपभोक्ताओं, विशेषकर वंचित वर्ग, किसानों और एफपीओ के कल्याण को प्राथमिकता दी गई है।
एचईआरसी ने नई खुदरा बिजली आपूर्ति टैरिफ अनुसूची तैयार करते समय इन वर्गों को बड़ी राहत दी है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित 4,520 करोड़ रुपये के राजस्व अंतर को घटाकर 3,262 करोड़ रुपये कर दिया गया है और तदनुसार खुदरा आपूर्ति टैरिफ को संशोधित किया गया है।
सात साल बाद संशोधन
हरियाणा में खुदरा आपूर्ति शुल्क को सात वर्षों बाद संशोधित किया गया है। यूएचबीवीएन और डीएचबीवीएन डिस्कॉम के गंभीर प्रयासों के चलते यह संभव हो पाया है। इन कंपनियों ने एटीएंडसी घाटे को 30% से घटाकर लगभग 10% कर दिया है। हालांकि, ईंधन शुल्क और मुद्रास्फीति में अनियमित वृद्धि के चलते शुल्क संशोधन की आवश्यकता पड़ी।
घरेलू उपभोक्ताओं को बड़ी राहत
घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को लोड के आधार पर तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। लगभग 78% उपभोक्ता 2 किलोवाट तक लोड वाले हैं। श्रेणी-I के लिए टैरिफ में कमी की गई है, जिसमें 0-50 यूनिट के लिए दर 2.70 रुपये से घटाकर 2.20 रुपये प्रति यूनिट कर दी गई है। वहीं, 51-100 यूनिट के लिए 4.50 रुपये से घटाकर 2.70 रुपये प्रति यूनिट किया गया है।
किसानों के लिए विशेष राहत
कृषि श्रेणी में मीटर कनेक्शन वाले किसानों के लिए टैरिफ में कमी की गई है। मासिक न्यूनतम शुल्क (एमएमसी) को 200 रुपये प्रति बीएचपी से घटाकर 180/144 रुपये प्रति बीएचपी प्रति वर्ष किया गया है। हाई-टेक कृषि और एफपीओ के लिए भी टैरिफ में सुधार किया गया है।
एचटी आपूर्ति पर मामूली वृद्धि
एचटी आपूर्ति श्रेणी में ऊर्जा शुल्क में हल्की वृद्धि हुई है, लेकिन दरें अब भी पड़ोसी राज्यों की तुलना में कम हैं।
संतुलित और उपभोक्ता-केंद्रित निर्णय
एचईआरसी के इस निर्णय से न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि डिस्कॉम की वित्तीय स्थिति भी सुदृढ़ होगी। हरियाणा डिस्कॉम उपभोक्ताओं को लगातार और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।