
चंडीगढ़, 2 अप्रैल 2025: हरियाणा बिजली विनियामक आयोग द्वारा बिजली दरों में प्रति यूनिट 20 से 40 पैसे की बढ़ोतरी के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए ग्रामीण भारत संस्था के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने इसे ‘आधी रात का काला फैसला’ करार दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के महज छह माह के भीतर तीसरी बार बिजली दरों में वृद्धि कर प्रदेश की जनता पर आर्थिक बोझ डालने का कार्य किया है।
विद्रोही ने कहा कि यह वृद्धि हरियाणा के आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों की कमर तोड़ने वाली है। भाजपा सरकार एक ओर राज्य की खुशहाली और प्रति व्यक्ति आय 3.53 लाख रुपये होने का दावा करती है, वहीं दूसरी ओर उसी के परिवार पहचान पत्र के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा की कुल आबादी 2.80 करोड़ में से करीब 52 लाख परिवारों के 2.13 करोड़ नागरिक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसे में, जब प्रदेश के लगभग 75% नागरिक बीपीएल श्रेणी में आते हैं, तो बिजली दरों में 20 से 40 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि बेहद अन्यायपूर्ण है।
फ्यूल चार्ज पर उठाए सवाल
वेदप्रकाश विद्रोही ने फ्यूल चार्ज के नाम पर 47 पैसे प्रति यूनिट वसूली को पहले ही अवैध बताया और कहा कि सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया कि बिजली दरों में वृद्धि के बाद भी यह फ्यूल चार्ज जारी रहेगा या नहीं। उन्होंने मांग की कि जब बिजली दरें बढ़ाई जा चुकी हैं, तो कम से कम 47 पैसे प्रति यूनिट का फ्यूल चार्ज तत्काल समाप्त किया जाए।
बढ़ोतरी का असर:
विद्रोही ने आरोप लगाया कि बिजली दरें बढ़ाने से बिजली निगम करोड़ों रुपये की अतिरिक्त वसूली करेंगे, लेकिन आम जनता का दैनिक खर्च और बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न सात स्लैबों में अब बिजली दरें 2.20 रुपये प्रति यूनिट से लेकर 7 से 10 रुपये प्रति यूनिट तक हो गई हैं। इससे आमजन के जीवन स्तर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
सरकार की नीतियों पर सवाल
विद्रोही ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार जनता की आर्थिक स्थिति का सही आकलन किए बिना बिजली दरों में बढ़ोतरी का फैसला ले रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियाँ गरीब विरोधी हैं और इसका खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ेगा।
क्या होगा फ्यूल चार्ज का भविष्य?
ग्रामीण भारत संस्था के अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि यदि बिजली दरों में बढ़ोतरी अपरिहार्य थी, तो कम से कम फ्यूल चार्ज को खत्म किया जाना चाहिए था। उन्होंने इसे जनता के साथ दोहरी मार बताते हुए कहा कि सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।
जनता की आवाज बुलंद
विद्रोही ने आम जनता से अपील की कि वे इस जनविरोधी फैसले के खिलाफ आवाज उठाएं और सरकार से बढ़ी हुई बिजली दरों और फ्यूल चार्ज के मुद्दे पर पुनर्विचार की मांग करें।