प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी झूठे सब्जबाग दिखाने में माहिर 
कितलाना टोल पर 141वें दिन किसानों ने दिखाई मोदी के प्रति नाराजगी

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

14 मई, कितलाना टोल प्लाजा पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक हाथ से देने से पहले दूसरे हाथ से किसानों की जेब ढीली करने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी ने आज किसानों के खाते में दो हजार सम्मान निधि डालने का ऐलान किया है यह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। उन्होंने कहा कि बंगाल चुनाव के बाद से सात बार पैट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में वृद्धि हो चुकी है। उन्होंने कहा कि बुआई के समय में एक बार में डीएपी के कट्टे की कीमत सीधी सात सौ रुपए बढ़ाकर सरकार ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है। सरकार राहत देने की बजाए किसानों के जख्मों पर नमक छिड़क रही है।             

 उन्होंने कहा कि बंगाल चुनावों में मुंह की खाने के बाद भी भाजपा नेताओं की अक्ल ठिकाने नहीं आई है। साथ ही साथ उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री में थोड़ी सी भी गैरत होती तो हार के बाद तुरंत संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को बुलाकर इस समस्या का निदान करते। किसान आंदोलन को चले इतना लंबा वक्त बीत गया है और इस दौरान 450 से ज्यादा किसान शहादत दे चुके हैं। उसके बावजूद किसान शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन चला रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अहम त्यागकर किसान नेताओं से बातचीत करनी चाहिए।           

 संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल के धरने पर 141वें दिन खाप सांगवान चालीस के सचिव नरसिंह डीपीई, श्योराण खाप पच्चीस के राजकुमार हड़ौदी, किसान सभा के रणधीर कुंगड़, प्रताप सिंहमार, संतोष देशवाल, प्रेम शर्मा, राजबाला कितलाना, मीरसिंह ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी झूठे सब्जबाग दिखाने में माहिर है। उन्होंने चुनाव से पहले किसानों की आय दुगुनी करने का वायदा किया था लेकिन किया उसके बिल्कुल विपरीत। आज आय की बजाए फसल पर लागत दुगुनी जरूरी हो गई है।           

 इस अवसर पर मास्टर ताराचन्द चरखी, सुरजभान सांगवान, रणधीर घिकाड़ा, रामफल देशवाल, बलबीर पूर्व सरपंच डोहकी, कप्तान रामफल, निहाल सिंह डोहकी, सुबेदार श्रीचन्द कालूवाला, जगदीश हुई, शबीर हुसैन, सुबेदार सतबीर सिंह,पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह, ठेकेदार जोगेन्द्र डोहकी, रघबीर सारगंपुर, देशराम भाण्डवा, कृष्ण नचकुन्डी, सुबेदार कवंरशेर चंदेनी इत्यादि मौजूद थे।

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