मुख्यमंत्री की कथनी और करनी में अंतर

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

13 मई,  कोरोना पीड़ितों को सस्ता इलाज मुहैया करवाने की बजाए सरकार बेदर्दी से उन्हें प्राइवेट अस्पतालों में लुटवा रही है। यह बात कांग्रेस कोरोना रिलीफ कमेटी के पदाधिकारी व किसान कांग्रेस नेता राजू मान ने आज शहर के निजी अस्पतालों का दौरा करने के बाद कही। उन्होंने कहा कि जनता को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। सरकार ने दोनों को लगभग प्राइवेट हाथों में सौंप लोगों को ठगे जाने का रास्ता खोल दिया है।               

उन्होंने मुख्यमंत्री के बयान का हवाला देते हुए कहा कि उनकी कथनी और करनी में अंतर हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर एक ओर प्राइवेट अस्पताल के संचालकों से लोगों को सस्ता इलाज करने की अपील कर रहे हैं दूसरी तरफ सभी निजी अस्पतालों के बाहर भारी भरकम फीस वसूलने के बोर्ड लगवा दिए हैं। अधिकांश अस्पतालों में सुविधाएं नाममात्र की है पर वसूली फाइव स्टार होटल की भांति की जा रही है। 

 मान ने कहा कि सरकार ने मध्यम बीमारी वाले से ऑक्सजिन बेड के दस हजार, गंभीर बीमारी वाले को ऑक्सजिन बेड पन्द्रह हजार और वेंटिलेटर वाले बेड के अठारह हजार प्रति दिन लिए जाने की छुट दी है। दवाई और अन्य टेस्टों के पैसे अलग से वसूले जा रहे हैं। अंदर खाते की लूट इससे अलग है। यह पूरी तरह से कोरोना पीड़ितों और उनके परिजनों का शोषण है। उन्होंने कहा कि गरीब या मध्यम वर्ग के परिवार में एक ने प्राइवेट अस्पताल में कर्ज लेकर इलाज करा भी लिया और कोई दूसरा सदस्य अगर इस बीमारी की जद में आया तो उस परिवार पर क्या बीतेगी इसकी कल्पना मात्र से रूह कांप जाएगी।           

उन्होंने कहा कि कोरोना पीड़ितों और उनके परिजनों को सरकारी अस्पतालों में जगह नहीं मिलने के कारण मजबूरी में निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है जहां तेज धार वाले चाकू से उन्हें बेदर्दी से काटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में ऑक्सजिन सरकार सप्लाई कर रही है। अगर मरीज दवाई और टेस्ट के पैसे दे रहा है तो खाली बेड की इतनी भयंकर फीस को कोई तर्कसंगत नहीं ठहरा सकता। उन्होंने कहा कि सरकार को अविलंब इस बारे में कड़े कदम उठाने चाहिए और इस लूट को रोकना चाहिए वरना ये समझा जाएगा कि लूट के इस खेल में उनका भी हिस्सा है।

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