आज भी मोदी-भाजपा का राष्ट्रीय स्तर पर विकल्प केवल कांग्रेस ही है

रेवाड़ी, 3 मई 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन को निराशाजनक बताते हुए कहा कि कांग्रेस को इस पर गंभीरता से आत्मविश्लेषण करके करेक्टिव मेजर उठाने की जरूरत है।

विद्रोही ने कहा कि असम व केरल में कांग्रेस के जीतने की संभावना होते हुए भी कांग्रेस का जीत नही पाना निराशाजनक है। इन दोनो राज्यों में सत्तारूढ़ दल भाजपा व लेफ्ट के प्रति जनता में व्याप्त रोष का लाभ कांग्रेस क्यों नही उठा पाई, इस पर गंभीरता से चिंतन की जरूरत है। हार पर केवल यह कहना कि हम आत्ममंथन करेंगे से बात नही बनने वाली। 2014 व 2019 लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस को जो गंभीर मंथन करके करेक्टिव मेजर उठाने कीे जरूरत थी, वे कांग्रेस ने नही उठाये। संगठन चुनाव को किसी न किसी कारण टालते रहना और यथास्थितिवादी में बने रहना कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी बिडम्बना है।

विद्रोही ने कहा कि जब तक कांग्रेस अपना संगठन मजबूत करके करेक्टिव मेजर नही उठाएगी तब तक कांग्रेस चुनाव में मात खाती रहेगी। कोरोना आपदा के बावजूद कांग्रेस को किसी भी हालत में अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष व सीडब्ल्यूसी चुनाव को नही टालना चाहिए। कांग्रेस ऑनलाईन चुनाव करवा सकती है। यदि कोरोना आपदा के चलते कांग्रेस संगठनात्मक चुनाव टलते है तो यह कांग्रेस के हित में नही होगा। जब तक कांग्रेस अपने नेतृत्व पर असमंजसता समाप्त नही करेगी, तब तक कांग्रेस का मजबूत होना संभव नही है।

विद्रोही ने कहा की उनकी व्यक्तिगत राय है कि कांग्रेस का बंगाल में लेफ्ट से चुनावी समझौता करना उसकी भारी रणनीतिक भूल थी। केरल में लेफ्ट के खिलाफ चुनाव लडना व बंगाल में लेफ्ट से दोस्ती कंाग्रेस के लिए घातक सिद्ध हुई जिसका खामियाजा केरल में कांग्रेस ने भुगता। एक जगह लेफ्ट खराब व एक जगह अच्छा मतदाता, इसे कैसे स्वीकार कर सकता है। वहीं कांग्रेस नेतृत्व को बंगाल कांग्रेस की ममता बनर्जी से चुनावी समझौता न करने की जिद के आगे नही झुकना चाहिए था। यदि कांग्रेस ममता बनर्जी से चुनावी समझौता कर लेती तो आज उसे बंगाल में ऐसी शर्मनाक हार का सामना नही करना पड़ता। असम में कांग्रेस मजबूती व बेहतर रणनीति से चुनाव लड़ी, फिर भी मोदी-भाजपा-संघी व गोदी मीडिया के सहयोग से की गई धु्रवीकरण राजनीति के चलते चुनाव हार गई वरना कांग्रेस असम में बेहतर रणनीति व प्रबंधन के साथ चुनाव लड़ी।

विद्रोही ने कहा कि जमीनी कटु सत्य यही है कि आज भी मोदी-भाजपा का राष्ट्रीय स्तर पर विकल्प केवल कांग्रेस ही है। कांग्रेस को अपने को संगठित व मजबूत करके क्षेत्रिय दलों के नेताओं से बेहतर समन्वय व सम्बन्धों के माध्यम से भविष्य में मोदी-भाजपा-संघ की फासिस्ट नीतियों के खिलाफ लडने की अपनी रणनीति अभी से प्रारंभ करके जमीन पर उसके अनुसार काम शुरू करना चाहिए तभी कांग्रेस अन्य लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष शक्तियों को साथ लेकर फासिस्ट मोदी-भाजपा-संघ को परास्त करने में कामयाबी होगी। 

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