डीएपी के दाम बढ़ने से बिफरे किसानों ने दी चेतावनी

आरोप- कोरोना की बजाएं, रैलियों पर ध्यान केंद्रित रखा प्रधानमंत्री मोदी ने
कितलाना टोल पर धरने के 120वें दिन किसान आक्रोशित, टोल रहा फ्री

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

 एक तरफ पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है वहीं दूसरी ओर केंद्र व हरियाणा की सरकार किसानों का शोषण करने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दे रही और एक के बाद एक झटका देने पर आमादा हैं। यह बात वक्ताओं ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि किसान- मजदूर बेहद परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं। तीन काले कानूनों के खिलाफ लंबे समय से संघर्ष कर रहे किसानों पर सरकार ने डीएपी के दाम एक बार में चार सौ रुपए प्रति बैग बढ़ाकर एक और वार किया है जो असहनीय है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ये बढ़ोतरी वापिस नहीं ली गई तो बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।                           

 उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ये तो बताए कि यह कौन सा फार्मूला है जिससे किसानों की आय दुगुनी होगी। हमारा ये मानना है कि लागत दोहरी अवश्य हो गई है। उन्होंने कहा कि खाद महंगा होने के कारण किसानों और मजदूरों पर दोहरी मार पड़ेगी। इससे महंगाई बढ़ेगी जिसका असर सभी वर्गों पर पड़ना स्वाभाविक है।                             

 कितलाना टोल पर धरने के 120वें दिन सांगवान खाप 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, श्योराण खाप 25 के प्रधान बिजेंद्र बेरला, धर्मबीर समसपुर, रणधीर कुंगड़, बलबीर बजाड़, सज्जन कुमार सिंगला, सुभाष यादव, बीरमति डोहकी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर चल रहे प्रतिरोध सप्ताह के तीसरे दिन अपने संबोधन में कहा कि कोरोना महामारी के चलते बिना पूरा उपचार मिले मरने वालों की मौत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी तरह जिम्मेदार हैं जिन्होंने इस महामारी की बजाए रैलियों और चुनाव पर ध्यान केंद्रित रखा। हालात ये हैं कि आज मरीज बिना आक्सीजन के तड़प तड़प कर जान दे रहे हैं।उन्होंने कहा कि जिन लोगों से मोदी ने थाली बजवाई वही आज छाती पीटने को मजबूर हैं।                       

इस अवसर पर मास्टर ताराचंद सांगवान, सुरजभान सांगवान, दिलबाग ढुल, कमल प्रधान, धमेंद्र छपार, जागेराम डीपीई, प्रोफेसर जगमिंदर सांगवान, कप्तान रामफल, ओम प्रजापति भगतसिंह छपार, जुगतिराम सारंगपुर, मास्टर बलवीर झरवाई, पवन ठेकेदार, सरदार सिंह, शमशेर सांगवान,   पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह, सूबेदार सत्यवीर सिंह इत्यादि मौजूद थे।

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