कितलाना टोल पर किसानों की ऑक्सिमीटर से हुई जांच, हौंसले बुलुन्द

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

24 अप्रैल, 21 – रबी की फसल खरीद को लेकर हरियाणा सरकार ने जो दावे किए थे वो पूरी तरह फेल हो गये हैं। यह बात वक्ताओं ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन कालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि भिवानी और दादरी जिले की सभी मंडियां गेहूं से अटी पड़ी हैं। उठान सुचारू ना होने की वजह से हजारों क्विंटल अनाज खुले आसमान के नीचे पड़ा है और खराब मौसम होने के बावजूद सरकार की कोई बड़ी पहल सामने नहीं आ रही है। अधिकारी भी महज औपचारिकताएं निभा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने कहा था कि किसानों के खाते में 48 घन्टे में पेमेंट डाल दी जाएगी जो दूर की कौड़ी नजर आ रही है। उठान बेहद धीमा है और किसान अपनी फसल के पैसे पाने के लिए तरस रहे हैं। जिन किसानों ने 15 दिन पहले मंडी में गेहूं डाले थे उनको भी भुगतान नहीं हुआ है। सरकार ने उठान के लिए स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी लगाई थी लेकिन आपसी तालमेल ना होने के कारण धरातल पर उसका कोई असर नजर नहीं आ रहा है।                     

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कोरोना से बचाव के लिए मनाए जा रहे प्रतिरोध सप्ताह के चौथे दिन किसान नेता राजू मान और युवा कल्याण संगठन के कमल प्रधान ने धरने पर बैठे किसानों की ऑक्सिमीटर लगाकर जांच की। उन्होंने किसानों को कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक हिदायतें भी दी। उन्होंने कहा कि इस महामारी से खुद का बचाव करना है और दूसरों को भी बचाना है। उन्होंने कहा कि किसान दोहरे मोर्चे पर लड़ाई लड़ रहे हैं। तीन काले कानूनों को निरस्त तो करवाना है ही साथ में कोरोना को भी मात देनी है।                 

 कितलाना टोल पर धरने के 121वें दिन खाप सांगवान 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, धर्मपाल महराणा, बिजेंद्र बेरला, मास्टर राजसिंह, सुभाष यादव, मूर्ति देवी, रतन्नी देवी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार तीन काले कानूनों को लेकर हठधर्मिता पर अड़ी है। लंबे समय से वार्ता रुकी हुई है और सरकार जानकर अनजान बनी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार जितनी मर्जी देर लगा ले लेकिन किसान और मजदूर अपने फैसले पर अडिग हैं और तीन काले रद्द करवाकर रहेंगे।                         

धरने का मंच संचालन रणधीर घिकाड़ा ने किया। इस अवसर पर सुशील धानक, एडवोकेट ब्रह्मानंद, राजेश बूरा, सुरजभान सांगवान, मास्टर ताराचंद चरखी, सत्यवान दुहन, बलबीर बजाड़, मीरसिंह, हुकमचंद सोनी, बलबीर पूर्व सरपंच, गुड्डू धानक, जगदीश हुई, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह, राजबाला, बीरमति, सब्बीर हुसैन, कमल सिंह झोझू, प्रेम सिंह, रत्तन सिंह कलाली इत्यादि मौजूद थे।

error: Content is protected !!