कितलाना टोल पर अनिश्चित कालीन धरना 117वें दिन जारी, महान भगत धन्ना के संस्मरणों पर डाली रोशनी चरखी दादरी जयवीर फोगाट कितलाना टोल पर अनिश्चित कालीन धरना आज 117वें दिन में प्रवेश कर गया लेकिन किसानों का हौंसला देखते ही बनता है। किसानों ने धरनास्थल पर नारेबाजी करते हुए ऐलान किया कि ये लड़ाई आरपार की है। सरकार जो मर्जी षड्यंत्र रचे लेकिन वे ना बटेंगे ना थकेंगे और ना ही रुकेंगे। उनके अनुसार देश के अन्नदाता का संघर्ष तीन काले कानून रद्द होने तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार अहंकार में चूर है लेकिन भूल रही है कि घमंड तो रावण का भी नहीं चला था। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने देशभर में किसान पंचायत की और उन आयोजनों में भारी भीड़ उमड़ी। ये इस बात का प्रतीक है कि किसान आंदोलन अब जनांदोलन बन गया है जिसको सभी वर्गों का समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि किसान, मजदूर अपने हकों को लेकर जागरूक हो गए हैं अब कुम्भकर्णी नींद में सोई सरकार को जगाकर रहेंगे। सरकार का इस आंदोलन को बिखेरने का सपना कभी पूरा नहीं होगा। कितलाना टोल पर धरने के 117वें दिन खाप सांगवान 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, बिजेंद्र बेरला, रणधीर कुंगड़, दिलबाग ढुल, सुभाष यादव, कमल सांगवान, कृष्णा छपार, कमलेश भैरवी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने महान भगत धन्ना की जयंती पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी को धन्ना भगत से प्रेरणा लेते हुए अपना जीवन मानव कल्याण में लगाना चाहिए। उन्होंने धन्ना भगत के संस्मरणों पर रोशनी डालते हुए कहा कि ऐसे भगत विरले देखने और सुनने को मिले हैं जिन्हें लोग आज भी याद करते हैं। धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर राजबीर शास्त्री चिड़िया, मास्टर ताराचंद चरखी, सुरजभान सांगवान, रणधीर घिकाड़ा, कमल प्रधान, प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी, रत्तन सिंह, राजबीर बोहरा, प्रेम सिंह, सुरेंद्र कुब्जानगर, मीरसिंह निमड़ीवाली, सुबेदार सत्यवीर, बीरमति डोहकी, बलजीत शर्मा, रामफल देशवाल, चंद्रमुखी चरखी, सुल्तान खान, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह इत्यादि मौजूद थे। आज भी टोल फ्री रहा। Post navigation बड़ा आरोप- कानून की आड़ में किसान आंदोलन को कुचलने की फिराक में है सरकार संपत्ति क्षतिपूर्ति कानून को लेकर संगठनों ने प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन