संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर इलाके की सभी खापों के प्रधान, बार एसोसिएशन प्रधान-उपप्रधान आदि अधिवक्ता, किसान, मजदूर, सामाजिक, व्यापारी और कर्मचारी,संपत्ति क्षतिपूर्ति कानून को लेकर प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन,

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

हरियाणा सरकार द्वारा गत विधानसभा सत्र में पास किये गए संपत्ति क्षतिपूर्ति विधेयक के विरोध में विभिन्न खाप और संगठनों ने एक बार फिर से आवाज बुलुन्द करते हुए उपायुक्त राजेश जोगपाल के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया है। उन्होंने इस कानून को रद्द करने के साथ किसान आंदोलन में बने सभी केसों को निरस्त करने व किसानों की सभी मांगें पूरी करने की मांग की है।

इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर इलाके की सभी खापों, किसान, मजदूर, सामाजिक, व्यापारी और कर्मचारी के जुड़े गणमान्य लोग किला मैदान में सुबह 10 बजे जुटना शुरू हो गए थे। उसके बाद ठीक 11 बजे सभी लोग नारेबाजी कर प्रदर्शन करते हुए मिनी सचिवालय पहुंचे। विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने यह कानून सिर्फ किसान आंदोलन को दबाने और आंदोलनकारियों को मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए बनाया है। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसा अंधा कानून बनाया है जिसमें पुलिस ही शिकायत और जांच कर्ता होगी। यह न्याय के मूल सिद्धांत के पूरी तरह खिलाफ है। इसने अंग्रेजों के राज को पीछे छोड़ दिया है।

उन्होंने कहा कि इस कानून में पुलिस और कार्यपालिका को असीमित शक्तियां दी गई हैं जो लोकतंत्र पर कुठाराघात है और अभिव्यक्ति के अधिकारों का हनन है। इस कानून में आंदोलन करने वालों, समर्थकों, योजना बनाने वालों, सलाहकारों को संपत्ति क्षति का दोषी का दोषी करार कर वसूली जैसा निरंकुश प्रावधान है। इसकी आड़ में सरकार अपने विरोधियों पर निशाना साधना चाहती है। हकीकत यह है कि किसान आंदोलन पिछले 147 दिन से 350 से ज्यादा शहादत देने के बाद भी पूरी तरह से शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है। इसलिए आम जनता में इसको लेकर बेहद आक्रोश है इसलिए इसको रद्द किया जाए।

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