गुडग़ांव, 17 अप्रैल (अशोक): श्रमिक संगठन एटक से संबंधित हेमा श्रमिक यूनियन के पदाधिकारियों की बैठक का आयोजन शनिवार को एटक कार्यालय में यूनियन के प्रधान नरेश कुमार की अध्यक्षता में किया गया। यूनियन के महासचिव चंद्र हंस ने हेमा प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रबंधन ने 3 दशकों से कार्य कर रहे श्रमिकों को नौकरी से निकालकर बेरोजगार कर दिया है। इन श्रमिकों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ये श्रमिक अपनी बहाली की मांग को लेकर पिछले कई महीनों से संघर्ष करते आ रहे हैं, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान होता दिखाई नहीं दे रहा है। कंपनी प्रबंधन ने श्रमिकों के साथ विश्वासघात किया है। एटक के जिला महासचिव कामरेड अनिल पंवार ने कहा कि कंपनी प्रबंधन से कई बार आग्रह किया जा चुका है कि नौकरी से निकाले गए श्रमिकों को काम पर वापिस लिया जाए। इस संबंध में श्रमिक यूनियन से बात की जाए, लेकिन प्रबंधन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने यूनियन के सदस्यों से आग्रह किया कि अब आर-पार का आंदोलन ही करना पड़ेगा। कंपनी प्रबंधन के आश्वासन पर विश्वास नहीं किया जा सकता। उसने श्रमिकों के साथ धोखा किया है। श्रमिक नेताओं ने कहा कि यदि किसी श्रमिक के साथ किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो उसकी जिम्मेदार कंपनी प्रबंधन ही होगी। इस आंदेालन में हेमा इंजीनियरिंग की दोनों यूनियन शामिल होंगी। उसके बाद अन्य यूनियनों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि 22 अप्रैल को उपायुक्त को ज्ञापन देकर धरने प्रदर्शन शुरु किए जाएंगे। Post navigation हवा में जहरीले कोरोना वायरस को समाप्त करने के लिए सरकार उठाए ठोस कदम : अरुण शर्मा निजी बसों से विभिन्न प्रदेशों में प्रवासी श्रमिकों के जाने का सिलसिला है जारी