गुडग़ांव, 17 अप्रैल (अशोक): कोरोना महामारी का दूसरा दौर बड़ा भयावह दिखाई दे रहा है। प्रतिदिन कोरोना संक्रमितों की संख्या में वृद्धि होती
जा रही है। हर कोई इन मामलों के बढऩे से चिंतित नजर आने लगा है। हवा से कोरोना वायरस फैलने की चर्चाएं जोरों पर हैं। सरकार को हवा में जहरीले वायरस को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि लोगों को कोरोना के प्रकोप से बचाया जा सके। यह कहना है सामाजिक संस्था भगवान श्री परशुराम सेवादल के अध्यक्ष पंडित अरुण शर्मा एडवोकेट का।

उनका कहना है कि पहले यह माना जा रहा था कि टीका आने के बाद कोरोना से मुक्ति मिल जाएगी, लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है। कोरोना का दूसरा दौर बड़ा ही खतरनाक है। वास्तविकता यह है कि जो हवा हम लेते हैं वह विषैली है। वायुमंडल में जो हवा सांस द्वारा ली जाती है, उसमें कोरेाना वायरस भी बताया जाने लगा है। देश के वैज्ञानिकों को इस विषय पर भी शोध करना चाहिए, ताकि इसकी रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें। आम आदमी वैसे ही बढ़ते प्रदूषण के कारण सांस की बीमारी की चपेट में आ जाता है। उनका कहना है कि यदि इस दिशा में शीघ्र ही कार्य नहीं किया गया तो लोग कोरोना का और अधिक शिकार हो जाएंगे।

निजी अस्पतालों में कोरोना का उपचार कराने की हिम्मत हर किसी में नहीं है। क्योंकि पहले तो इन अस्पतालों में बैड ही नहीं मिलते और मिल भी जाते हैं तो इनका उपचार बहुत महंगा होता है, जो आम आदमी की पहुंच से बाहर है। हालांकि सरकार ने कोरोना से बचाव के लिए जहां शिक्षण संस्थाएं बंद कर दी हैं, वहीं रात्रि का कफ्र्यू भी लगा दिया है, ताकि अधिकांश लोग घरों में ही रहें। उन्होंने पक्ष-विपक्ष से भी आग्रह किया है कि वे राजनैतिक सोच से ऊपर उठकर देशहित में कोरेाना वायरस को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाएं, ताकि इस महामारी से लोगों को बचाया जा सके।

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