वक्ता बोले- किसान पहले से मानवीय, सरकार दिखाए मानवता
कितलाना टॉल पर किसानों का अनिश्चितकालीन धरना 113वें दिन जारी, टोल रहा फ्री

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों की झोपड़ियां जलाने के पीछे बड़ा षडयंत्र बताते हुए वक्ताओं ने आज कितलाना टोल पर इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस कार्य को अंजाम देने को अविलंब गिरफ्तार कर दोषियों के मंसूबों का खुलासा करना चाहिए वर्ना ये समझा जाएगा कि ये प्रकरण सरकार की देन है। सत्ताधारी इन औछे हथकंडों से किसानों को हतोत्साहित करना चाहती है लेकिन इसमें कामयाब नहीं होंगे।                               

उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा हाल ही में दिए गए वक्तव्य की चर्चा करते हुए कहा कि मनोहर लाल खट्टर कह रहे हैं कि किसान मानवता दिखाएं। लेकिन मुख्यमंत्री भूल गए कि ये देश का अन्नदाता ही है जिसने कोरोना जैसी महामारी में एक साल से अधिक समय से देश के किसी भी नागरिक को अन्न, दूध, सब्जी और फलों की कमी महसूस नहीं होने दी। उन्होंने कहा कि मानवता सरकार को दिखाने का वक्त है। अपनी जायज मांगों को लेकर किसान आंदोलन को चले 4 महीने से ज्यादा समय हो गया है और 350 से ज्यादा किसान शहादत दे चुके हैं उसके बावजूद सरकार का दिल नहीं पिघला है।                               

कितलाना टोल पर धरने के 113वें दिन खाप सांगवान 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, बिजेंद्र बेरला, शमशेर फौगाट, मास्टर राजसिंह, बीरमति डोहकी, दिलबाग ग्रेवाल, बलबीर बजाड़ ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि किसान और मजदूर अपने इरादे के पक्के हैं और जब तक तीनों काले कानून रद्द नहीं होते हम टस से मस नहीं होंगे।                     

इस अवसर पर कामरेड ओमप्रकाश, सुरजभान सांगवान, रणधीर घिकाड़ा, बलबीर पूर्व सरपंच, राजू मान, रणधीर कुंगड़, सुरेंद्र सरपंच कुब्जानगर,  मास्टर ओमप्रकाश कितलाना, रतन्नी देवी, प्रेम, राजबाला, प्रेम सांगवान, रमेश धानक, वीरभान, मास्टर कर्ण सिंह, महीपाल चरखी, रणबीर, धर्मचंद छपार, अनूप राठी, प्रकाश फतेहगढ़ इत्यादि मौजूद थे।

error: Content is protected !!