कितलाना टोल पर जलियांवाला बाग हत्याकांड के शहीदों को दी श्रद्धांजलि, धरना 110वें दिन जारी

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

कितलाना टोल चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने पर आज जलियांवाला बाग हत्याकांड के शहीदों को 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि पंजाब प्रान्त के अमृतसर में स्वर्ण मन्दिर के निकट जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 को बैशाखी के दिन रौलेट एक्ट का विरोध करने के लिए एक सभा हो रही थी जिसमें जनरल डायर नामक एक अंग्रेज ऑफिसर ने अकारण उस सभा में उपस्थित भीड़ पर गोलियाँ चलवा दीं जिसमें सैकड़ों लोगों ने शहादत दी थी। वही घटना भारत में ब्रिटिश शासन के पतन का मुख्य कारण बनी थी।          

 उन्होंने कहा कि आज लगभग वैसी ही परिस्थितियां हैं। किसान आंदोलन को चले 140 दिन हो गए हैं और 350 से ज्यादा किसान अपनी शहादत दे चुके हैं लेकिन भाजपा सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। उन्होंने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि किसान आंदोलन भाजपा को गर्त में पहुंचाने का काम करेगा।             

कितलाना टोल पर धरने के 110वें दिन खाप सांगवान 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, बलवंत नम्बरदार, बिजेंद्र बेरला, बीरमति डोहकी, मास्टर राज सिंह, कमल प्रधान, संतरों देवी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने बैसाखी पर्व के बधाई देते हुए कहा कि फसल कटाई के उपलक्ष और नए साल के प्रतीक के रूप में मनाए जाने वाला यह त्यौहार हमें एक साथ मिलजुल कर तथा संगठित रहने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को कितलाना टोल पर बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती संविधान बचाओ दिवस के रूप में जोरशोर से मनाने के लिए ग्रामीणों में भारी उत्साह है।           

धरने के 110वें दिन मंच संचालन अध्यक्ष मंडल से सदस्य गंगाराम श्योराण ने किया। इस अवसर पर मास्टर ताराचंद सांगवान, सुरजभान सांगवान, प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी, राकेश श्योराण, राजकुमार हड़ौदी, रणधीर घिकाड़ा, बलबीर बजाड़, सुभाष यादव, कप्तान रामफल, निहाल सिंह, धर्मबीर समसपुर, शमशेर सांगवान, राजबीर बोहरा, चरण सिंह,  सूबेदार सत्यवीर, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह, गायक नरेश श्योराण, अशोक गोस्वामी इत्यादि मौजूद थे।

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