कितलाना टोल पर साधनों का लगा लंबा जाम, किसान- मजदूरों ने की जोरदार नारेबाजी

चरखी दादरी जयवीर फोगाट 

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारत बंद के दौरान किसानों ने कितलाना टोल पर राष्ट्रीय राजमार्ग 148 बी को जाम कर दिया जिसके चलते वाहनों की लंबी कतार लग गई। इस बीच किसानों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। महिलाओं की भी उल्लेखनीय भागेदारी रही। कितलाना टोल पर 92वें दिन धरना जारी रहा। इस दौरान  वक्ताओं ने कहा कि भारत बंद की अभूतपूर्व कामयाबी ने सरकार की आंखे खोल दी हैं। उन्होंने आम जनता का बंद को सफल करने के लिए आभार जताया है।             

भाकियू जिला प्रधान राकेश आर्य ने कहा कि तीनों काले कानूनों के खिलाफ किसान, मजदूर, व्यापारी और कर्मचारी समेत सभी वर्गों ने हाथ मिला लिए हैं और अब सरकार को झुका कर रहेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का काम हर वर्ग के हितों की रखवाली करना होता है लेकिन मौजूदा सरकार पूंजीपतियों के हाथों कठपुतली बनी हुई है।                     

 किसान नेता राजू मान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंग्रेजों की फुट डालो और राज करो की नीति का अनुसरण कर रहे हैं। मोदी ने हाल ही में कहा कि तीनों कानूनों से छोटे किसानों को हानि नहीं होगी। ये किसानों में फूट डालने का असफल प्रयास है। नोटबन्दी के समय मोदी ने कहा था कि पैसे वालों का इलाज होगा लेकिन हुआ उससे उल्टा और 170 से ज्यादा गरीब लोग लाइनों में लगकर मर गये। उनके लिए मोदी ने एक शब्द तक नहीं बोला। यही हाल अब है किसान आंदोलन में 300 से अधिक किसान शहादत दे चुके हैं लेकिन मोदी के पास संवेदना जताने तक का समय नहीं है।               

 इस अवसर पर प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी, मुकेश पहाड़ी, राजबाला कितलाना, मुर्ती सिंहमार, रतन्नी डोहकी,सूबेदार सत्यवीर, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह, ईश्वर सिंह चरखी, मांगेराम, कुलबीर बोहरा, महेन्द्र डोहकी, जागेराम पूर्व सरपंच, मीरसिंह, महावीर, बीरभान गिल, ईश्वर पहलादगढ, रामेश्वर फौजी, डॉ राजसिंह, रामपाल नम्बरदार, राजेन्द्र अजीतपुर, सुमेर सिंह, रामफल छपार, बलबीर रासीवास, चंद्रभान मानकावास, सत्ते श्योराण, करतार गील, मामन श्योराण, सुभाष कादयान इत्यादि मौजूद थे। जाम के दौरान एम्बुलेंस, सेना के वाहनों, स्कूल बसों आदि को जाने दिया गया।

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