भारत के आजादी के 74 साल के राजनीतिक इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री ने खुद पद पर रहते अपने नाम पर किसी भी संस्थान नामकरण नही किया पर मोदी ने मोटेरा स्टेडियम अपने नाम पर करके यह भी अनैतिकता कर दी। रेवाड़ी, 25 फरवरी 2021स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने आज से 37 साल पूर्व 1983 में गुजरात कांग्रेस राज में अहमदाबाद में बने मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम जो सरदार वल्लबभाई पटेल के नाम पर था, उस स्टेडियम का विस्तार करके हम दो-हमारे दो की सरकार के सरगना द्वारा सरदार पटेल की बजाय इसका नाम नरेन्द्र मोदी स्टेडियम करने की कठोर आलोचना करते हुए इसे लोहपुरूष सरदार पटेल का घोर अपमान बताया। विद्रोही ने कहा कि वैसे तो मोदीजी वोट बैंक राजनीति व जवाहरलाल नेहरू-कांग्रेस को बदनाम करने, गाली देने सरदार पटेल का महिमामंडन तो करते है, लेकिन वे सरदार का कितना सम्मान करते है, यह 37 साल पूर्व बने मोटेरा स्टेडियम का नाम सरदार वल्लबभाई पटेल का नाम बदलकर खुद के नाम नरेन्द्र मोदी स्टेडियम करके खुद का व भाजपा का असली चाल-चरित्र बेनकाब कर दिया। एक तरह से मोदीजी ने नंगाडा पीटकर ऐलान कर दिया कि मैं लोहपुरूष सरदार पटेल से कहीं ज्यादा बडा व महान हूं। सरदार पटेल जब जक जीवित रहे, वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा के ना केवल घोर विरोधी रहे अपितु आरएसएस पर गृहमंत्री रहते बैन भी लगाया था। विद्रोही ने मोदी सरकार व गुजरात सरकार के इस कुकृत्य को ना केवल सरदार पटेल का अपमान बताया अपितु यह भारत के स्वतत्रंता संग्राम, गुजरात व किसानों का भी घोर अपमान है। यह सत्य है कि 1983 में बने मोटेरा स्टेडियम के विस्तार में गुजरात के सीएम व देश के पीएम रहते मोदी जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई पर इसका यह अर्थ तो नही कि एक महान स्वतंत्रता सेनानी, राष्ट्र निर्माता, पूर्व उपप्रधानमंत्री, गुतराज व देश के गौरव सरदार पटेल के नाम से स्थान पर वर्तमान प्रधानमंत्री का अपने नाम पर स्टेडियम का नामकरण सत्ता दुरूपयोग के साथ बेशर्मी व अनैतिकता भी हद है। वहीं आज तक भारत के आजादी के 74 साल के राजनीतिक इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री ने खुद पद पर रहते अपने नाम पर किसी भी संस्थान नामकरण नही किया पर मोदी ने मोटेरा स्टेडियम अपने नाम पर करके यह भी अनैतिकता कर दी। हद तो यहां तक हो गई हम दो-हमारे दो की सरकार ने मोटेरा स्टेडियम पिच का नाम भी अडानी एंड और रिलायंस एंड करने की भी बेशर्मी कर दी। विद्रोही ने कहा कि हम दो-हमारे दो की सरकार के सरदार नरेन्द्र मोदी अपने नाम, प्रचार, श्रेय व पैसों के इतने भूखे है कि वे इसके लिए किसी भी हद तक गिर सकते है और देश के किसी भी महापुरूष, राष्ट्रनिर्माता, स्वतंत्रता सेनानी का अपमान करने में एक क्षण भी नही लगाएंगे। Post navigation हरियाणा में शिक्षा व्यवस्था लगातार लडखडाती जा रही : विद्रोही भाजपा की समस्या : किसान इन कानूनों को समझ कैसे गए- सांसद दीपेंद्र