भाजपा की समस्या ये नहीं है कि किसान कृषि कानूनों को समझ नहीं पाए बल्कि उसकी परेशानी ये है कि किसान इन कानूनों को समझ कैसे गए- सांसद दीपेंद्रकिसानों को बरगलाने के नए-नए तरीके खोज रहे हैं बीजेपी नेता व कार्यकर्ता- सांसद दीपेंद्रजिस सरकार पर जान की कुर्बानियों का असर नहीं हुआ, उसपर फसल की कुर्बानी से असर पड़ना मुश्किल- सांसद दीपेंद्रशहीद किसानों के परिजनों का दर्द बयां कर रहा है सरकार की बेदर्दी- सांसद दीपेंद्रपिछली सरकार के दौरान कपड़े निकालकर प्रदर्शन करने वाले आज आसमान छूती महंगाई पर दें जनता को जवाब- सांसद दीपेंद्र 25 फरवरी, रेवाड़ीः भाजपा की समस्या ये नहीं है कि किसान 3 कृषि कानूनों को समझ नहीं पाए बल्कि उसकी परेशानी ये है कि किसान इन कानूनों को समझ कैसे गए। इसलिए हरियाणा बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता किसानों बरगलाने के लिए नए-नए तरीके खोज रहे हैं। ये कहना है राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का। सांसद दीपेंद्र आज बावल, रेवाड़ी में कई सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे थे। इस मौक़े पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने किसान आंदोलन के प्रति सरकार के संवेदनहीन रवैए की निंदा की। उन्होंने कहा कि वो लगातार आंदोलन के दौरान जान कुर्बान करने वाले शहीद किसानों के परिवारों से मिल रहे हैं। शहीदों के परिवारों का दर्द खुद-ब-खुद सरकार की बेदर्दी को बयां करता है। बड़े दुख की बात है कि जान की कुर्बानियों से भी सरकार का दिल नहीं पसीज रहा है। सांसद दीपेंद्र ने उन किसानों से अपील की जो निराश होकर अपनी फसलों को नष्ट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान खुद को नुकसान पहुंचाने वाला कोई भी कदम ना उठाएं। किसान बच्चों की तरह अपनी फसल को पालता है। समझा जा सकता है कि वो मौजूद सरकार से कितना दुखी और आहत होगा जो वो अपनी खड़ी फसल को बर्बाद करने का फैसला ले रहा है। लेकिन जिस सरकार पर जान की कुर्बानियों का असर नहीं हुआ, उसपर फसल की कुर्बानी का असर पड़ना मुश्किल है। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार से सिर्फ किसान ही नहीं बल्कि हर वर्ग त्रस्त है। लगातार पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ाए जा रहे हैं। एक बार फिर सरकार ने आम आदमी पर महंगाई की मार मारते हुए रसोई गैस के दाम 25 रुपये बढ़ा दी हैं। पेट्रोल के बाद अब डीजल भी सैंकड़ा छूने की तरफ बढ़ रहा है। इसकी सबसे ज्यादा मार किसान पर ही पड़ रही है। क्योंकि खेती के ज्यादात्तर उपकरण डीजल से ही चलते हैं। इससे पहले भी खाद, बीज, कीटनाशक दवाइयों के दाम बढ़ाकर सरकार किसानों की लागत बढ़ाने का काम कर चुकी है। आमदनी डबल करने का दावा करने वाली सरकार ने किसान की लागत डबल करने का काम किया है। दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा बीजेपी के नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग 40 रुपये डीजल का रेट होने पर कुर्ते निकालकर प्रदर्शन करते थे, वो लोग पता नहीं आज क्या सोचकर कुर्ता पहने बैठे हैं। उन लोगों को आज जनता के सामने आकर आसमान छूती महंगाई पर जवाब देना चाहिए।साथ में विधायक चिरंजीवी राव, एम एल रंगा और अनेकों कार्यकर्ता मौजूद रहे । Post navigation सरदार पटेल की बजाय मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम का नाम नरेन्द्र मोदी स्टेडियम करने की आलोचना : विद्रोही सोलर सिस्टम के नाम पर किसानों को लूट रहे ठेकेदार