संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 26 फरवरी को मनाया जाएगा युवा किसान दिवसकितलाना टोल पर 62वें दिन बुजुर्ग किसानों ने भरी हुंकार, टोल रहा फ्री चरखी दादरी जयवीर फोगाट हम अपनी नहीं बल्कि युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। यह बात बुजुर्ग किसानों ने कितलाना टोल पर किसानों के अनिश्चित कालीन धरने पर अपने संबोधन में कही। उन्होंने कहा कि हमने हर दौर देखा है इसीलिए तीन काले कानून बनते ही खतरा भांप मैदान में आ डटे थे। उन्होंने कहा कि इन काले कानूनों के रद्द होने से पहले घर नहीं लौटेंगे। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 26 फरवरी को युवा किसान दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने युवाओं से बढ़चढ़कर भाग लेने का आह्वान करते हुए कहा कि इस दिन धरने पर युवा अगुवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि देशभर के युवाओं ने महसूस कर लिया है कि ये कृषि कानून हर वर्ग पर प्रहार कर रहे हैं इसलिए इनको रद्द करवाने के लिए 36 बिरादरी ने इसे जनांदोलन बना दिया है। कांग्रेस पिछड़ा वर्ग के नेता जगदीश मंढोलीवाला ने कहा कि सरकार इस आंदोलन को जाति पाती में बांटना चाहती थी लेकिन भूल रही थी कि किसानी की कोई जाति नहीं होती। उन्होंने पिछड़ा वर्ग के भाइयों से आंदोलन में बढ़चढ़कर भाग लेने की अपील करते हुए कहा कि इस आंदोलन के दूरगामी परिणाम होंगे। किसान और मजदूर मिलकर ये लड़ाई जीतेंगे। कितलाना टोल पर 62वें दिन धरने की पूर्व सरपंच ताराचंद सांगवान, मास्टर ओमप्रकाश, मंगल सुई, सूरजमल डोहकी, वेदप्रकाश, धनपाल अटेला, करतार सिंह, बिमला कितलाना, बाला कितलाना ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गरीब और मध्यम वर्ग का कोई ख्याल नहीं है वो अपने चहेते धनाढ्य मित्रों को लाभ के लिए नीतियां बना रहे हैं। लेकिन जनता के सामने उनकी सच्चाई आ गई है। उनका आडम्बर अब लंबा नहीं चलेगा। धरने का मंच संचालन प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी ने किया। इस अवसर पर नरसिंह डीपीई, सुरजभान सांगवान, राजू मान, पूर्व सरपंच नरेंद्र फतेहगढ़, प्रवीण नैन, रमेश कोच, कपूर उमरवास, मनीराम, अत्तर सिंह, बलमत सिंह, रामफल, सुखबीर, राजेन्द्र, दीपचंद, हरवीर सिंह, चंदन सिंह, जगराम, रूपचन्द, शीशपाल, रतिराम, करतार सिंह, बीरमति, रतन्नी देवी, प्रेम सिंह, शमशेर सांगवान, रामभगत यादव, राजेश उमरवास, सरोज, बेदो, राधा, अमरपति, भतेरी, सूबेदार सत्यवीर, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह इत्यादि मौजूद थे। Post navigation सरदार अजीत सिंह ने अंग्रेजों को तीन काले कानून वापिस लेने पर मजबूर कर दिया था, अब काले अंग्रेजों से जंग : किसान किसानों ने मनाया जनतंत्र बचाओ दिवस, प्रदर्शन कर उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन