कितलाना टोल परआत्मसम्मान दिवस मना अजीत सिंह को अर्पित किए श्रद्धासुमन, आज जिला और उपमंडल स्तर पर  मनेगा जनतंत्र बचाओ दिवस

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

 सरदार अजीत सिंह एक राष्ट्रवादी क्रांतिकारी थे जिन्होंने ब्रिटिश सरकार द्वारा लाए गए तीन किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ आंदोलन चलाया। यह बात वक्ताओं ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चित कालीन धरने पर सरदार अजीत सिंह की स्मृति में आत्मसमान दिवस मना उनको श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि अजीत सिंह ने पंजाब औपनिवेशीकरण कानून और पानी के दाम बढ़ाने के खि‍लाफ भी अनेक विरोध प्रदर्शन किये। यही वजह है कि किसानों के दिल में उनके लिए विशेष स्थान है। आत्मसमान दिवस के मौके पर बड़ी संख्या में महिलाएं और युवा भी पगड़ी बांधे नजर आए।               

उन्होंने कहा कि सरदार अजीत सिंह ने  1907 में ‘पगड़ी संभाल जट्टा’ आंदोलन अंग्रेज सरकार के खिलाफ चलाया था। अंग्रेज सरकार ने किसानों के खिलाफ 3 कानून पास किए थे जिसके विरोध में ये अभियान था। अंग्रेजी हुकूमत के पास किए तीनों एक्ट में किसानों के ऊपर टैक्स काफी ज्यादा बढ़ा दिए गए थे। सरदार अजीत सिंह के संघर्ष ने अंग्रेजों को ये कानून वापिस लेने को मजबूर कर दिया था। उन्होंने कहा कि इतिहास अपने आप को दोहराता है। मौजूदा सरकार भी तीन काले कानून जबरदस्ती किसानों पर थोपना चाहती है लेकिन आज सभी वर्ग उठ खड़े हुए हैं और इन काले अंग्रेजों को झुकने पर विवश कर देंगे।               

दादरी के निर्दलीय विधायक और खाप सांगवान 40 के प्रधान सोमबीर सांगवान ने कहा कि सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है। इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बुधवार को जिला और तहसील स्तर जनतंत्र बचाओ दिवस मनाते हुए प्रदर्शन कर अधिकारियों को ज्ञापन दिया जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों से प्रदर्शन में बढ़चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया। 

  कितलाना टोल पर धरने के 61वें दिन नरसिंह डीपीई, बलवंत नंबरदार, बिजेंद्र बेरला, गंगाराम श्योराण,  सत्यवान बलियाली, राकेश आर्य, सुभाष यादव, दिलबाग ग्रेवाल, कृष्णा सांगवान, सुखदेव, मास्टर राजसिंह, जागेराम ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी पार्टी के नेताओं को खापों के पास  भेजने की बजाए सरकार के पास भेजे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीनों काले कानून वापिस लेने के लिए बाध्य करें। बेहतर रहेगा सरकार सीधे संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं से बातचीत करे।               

  धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। आज भी टोल फ्री रहा। इस अवसर पर प्रभुराम गोदारा, सुरजभान सांगवान, राजू मान, रणधीर घिकाड़ा, सुरेंद्र कुब्जानगर, कप्तान राजमल, अजित फौगाट, धर्मपाल महराणा, शमशेर फौगाट, आचार्य देवी सिंह, सज्जन कुमार सिंगला, राजबीर भाटी, रामकुमार सोलंकी, धर्मेन्द्र छपार, बलबीर बजाड़, दिलबाग ढुल, प्रोफेसर जगमिंद्र सांगवान, मुकेश पहाड़ी, संतोष देशवाल, पूर्व सरपंच निर्मला देवी, बीरमति डोहकी, प्रेम सिंह, शमशेर सांगवान, कृष्ण फौगाट, बबलू बिगोवा, सूबेदार सत्यवीर, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह इत्यादि मौजूद थे।

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