चंडीगढ़। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने केरल सरकार की तर्ज पर कर्मचारियों व पेंशनर्स के रोकें गए डीए बहाली की मांग की है। संघ ने फैसला लिया है कि अगर 25 फरवरी तक डीए बहाली नहीं की गई तो 26 फरवरी को सभी विभागों के कर्मचारी जिला मुख्यालयों पर सामूहिक धरने देंगे। उल्लेखनीय है कि केरल की वामपंथी सरकार ने कर्मचारियों व पेंशनर्स के रोकें गए डीए को बहाल करने का फैसला लिया है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री  ने यह मांग करते हुए बताया कि केरल की लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार ने 4 फरवरी,2021 को कर्मचारियों व पेंशनर्स के जनवरी,2019 से रोके गए डीए को बहाल करने के आदेश जारी करने का बड़ा फैसला किया है। जिसके चलते केरल की कम्यूनिस्ट सरकार की देश भर में प्रशंसा हो रही है। उन्होंने बताया कि केरल सरकार ने पहली जनवरी,2021 तक कर्मचारियों के बकाया डीए के बकाया को भविष्य निधि खातों में डालने और पेंशनर्स को नकद भुगतान करने के आदेश जारी किए हैं।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि कोविड 19 के नाम पर केन्द्र सरकार ने जनवरी,2020 से जुलाई,2021 तक डीए रोकने का फैसला लिया था। हरियाणा सरकार ने भी बिना किसी देरी के उक्त निर्णय अनुसार कर्मचारियों और पेंशनर्स के डीए पर रोक लगा दी थी। डीए बंद होने से कर्मचारियों को लाखों रुपए का नुक्सान उठाना पड़ रहा है। इस अवधि में जो कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं,उनको पेंशन में भी नुकसान झेलना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार ने पेंशनर्स तक को नहीं बख्शा, पेंशनर्स को केवल पेंशन पर ही गुजारा करना पड़ता है, इसका भी सरकार ने ख्याल नहीं रखा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों व पेंशनर्स ने कोविड में सैकड़ों करोड़ रुपए कोविड रिलीफ फंड में सरकार को सहयोग भी दिया और जान को जोखिम में डालकर कोविड में कार्य भी किया। उन्होंने कहा कि सरकार अब कोविड पर कोई  अतिरिक्त खर्च सरकार नहीं कर रही है, इसलिए सरकार को डीए पर लगाई रोक को हटाकर बकाया का भुगतान करना चाहिए।

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