28 जनवरी 2021 – प्रसिद्घ स्वतंत्रता सेनानी व क्रांतिकारी समाज सुधारक लाला लाजपत राय की 155वीं जयंती पर स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने भारत के इस महान सपूत को अपने कार्यालय में भावभीनी श्रद्घाजंली अर्पित की। कपिल यादव, अमन कुमार, अजय कुमार, प्रदीप यादव व कुमारी वर्षा ने भी अपने श्रद्घासुमन लाला जी को अर्पित किए। विद्रोही ने कहा कि लाला लाजपत राय का भारत के आजादी आंदोलन व शिक्षण संस्थाओं के विस्तार और समाज सुधार के कार्यो में विशेष योगदान रहा। उनके इन कार्यो से आज भी हमे प्रेरणा मिलती है। कांग्रेस में गर्म दल की विचाराधारा के नेता व पंजाब केसरी के नाम से विख्यात लाला लाजपत राय क्रांतिकारी विचारों के नेता थे। उन्होंने मृत्यु के अंतिम समय तक देश में अंग्रेजी साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष किया। भगत सिंह व चन्द्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों ने भी अपने जीवन में लालाजी से प्रेरणा व मार्गनिर्देशन लिया। गुलामी का संयुक्त पंजाब लालजी की कर्मभूमि रहा। साईमन कमीशन के खिलाफ लाहौर में निकाले गए ऐतिहासिक विरोध जुलूस का नेतृत्व कर रहे लाला लाजपत राय पर अंग्रेजी पुलिस ने लाठियां बरसाई। उनके सिर पर लाठियों की गंभीर चोट के कारण 17 नवम्बर 1928 को लाला लाजपत राय आजादी आंदोलन की बलिवेदी पर शहीद हो गए। उस समय लालाजी ने कहा था कि मेरे सिर पर अंग्रेजों पुलिस की पड़ी एक-एक लाठी अंग्रेजी साम्राज्य के लिए कफन की कील साबित होगी। विद्रोही ने कहा कि लाला लाजपत राय की यह भविष्यवाणी सही साबित हुई और लालाजी की शहादत से देश की आजादी की लड़ाई लडऩे वालों दीवानों में एक नया जोश उत्पन्न हुुआ। लालाजी ने आजादी की लड़ाई के साथ-साथ उस समय के संयुक्त पंजाब में शिक्षण संस्थाओं के विस्तार और सामाजिक सुधारों के लिए विशेष कार्य किए, जिसके दूरगामी लाभदायक परिणाम समाज को मिले। लालाजी का आजादी आंदोलन व समाज सुधार पर किया गया उनका उल्लेखनीय योगदान आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। आजादी आंदोलन के ऐस महान शहीद व समाज सुधारक को उनकी जयंती पर पुष्पाजंली अर्पित करके पूरा देश गौरवांवित हो रहा है। उनका जीवन चरित्र वर्षो तक हमारे लिए प्रेरणा का स्त्रोत बना रहेगा। Post navigation तिरंगा सतरंगी क्यों हुआ ? 5 लाख का ईनामी बदमाश विक्रम गुर्जर उर्फ पपला को धर दबोचा