लाॅकडाऊन की आड़ सरकारी प्रतिष्ठान धनी परिवारों के हवाले.
आजाद देश में किसान व मजदूरों अब भूखमरी के कगार पर

फतह सिंह उजाला

गुरूग्राम। केंद्र सरकार व किसानों के बीच वार्ता में यदि सरकार तीनों किसान विरोधी कानूनों वापिस लेने को राजी नहीं होती और एमएसपी पर कानून नही बनाती है तो किसान आंदोलन तेज कर दिया जाएगा। संयुक्त मोर्चा के आहवान पर आगामी 26 जनवरी को  दिल्लाी के चोतरफा चल रहे सभी मोर्चा दिल्लाी की सड़को पर परेड में शामिल होकर अपना विरोध प्रदर्शन  शांतिपूर्ण ढँग से करेंगे । यह बात आंदोलन कारी किसानों को सम्बोधित करते हुए श्री गंगानगर निवासी यूएसए के रिटाडर्य जज बक्शीश सिंह ने कही। इसी मौके पर पहूुंचे राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों से संगीतकारों ने  बरसात में राजस्थानी लोक गीतो से किसानों का हांैसला बढाया। वहीं खेडा बोर्डर पर दिन-प्रतिदिन किसानों का आने जाने का सिलसिला बढता जा रहा है।

किसान नेता योगेंद्र यादव व राजाराम मील सहित खेडा बोर्डर के संयुक्त निर्णय के अनुसार दिल्ली मोर्चा से जैसे आदेश मिलेंगे , उसी समय दिल्लाी की ओर कूच करेंगे । योगेंद्र यादव ने दिल्ली की ओर जा रहे  किसानों को रोकने के लिए चलाए गए लाठी डंडे व आसंू गैस के गोलो की निंदा करते हुए कहा कि  केंद्र भाजपा सरकार को लगातार दो बार लुभाने वाले वायदे 15-15 लाख खाते में आएंगे, काला धन वापस लिया जाए,  2 करोड युवाओं को नौकरी दी जाएगी, नोटबंदी के साथ साथ लाॅकडाऊन की आड़ में देश की सरकार के सभी सरकारी प्रतिष्ठान एक-एक करके धनी परिवारों को बेच दिए।

इसके साथ साथ किसान व मजदूरों को भूखमरी के कगार पर डेथ वारंट के साथ मरने के लिए मजबूर कर दिया गया है । शिक्षा स्तर दो कौडी का हो गया है , विद्यालय व रेल मार्ग बंद पडे़ है । सरकार गरिब , मजदूर को अधिक गरीब बनाने व उनके दो वक्त के निवाले को छिनने का कार्य कर रही है। जिसका विरोध किसान डट कर कर रहा है । राजाराम मील ने चुटकी लेते हुए कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री परिवारों को पांच किलो दाल देने के लुभानी बात कहते, लॉकडाऊन के दौरान पांच-पांच सौ रूपये गरिबो के खाते में डालकर उनको बेवकूफ बनाया है । यहां सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि पांच किलो दाल व पांच आदमियों के कुनबे का गुजरा एक माह चल सकता है क्या ? इससे स्पष्ट है कि ईस्ट इण्डिया कम्पनी की स्थापना सरकार पुनः करना चाहती है। जिसको भगाने में मेहनत किसान मजदूर व हमारे पूर्वजो ने लोहा लेकर गौरे अंग्रेजो को वापस खंदेडा था । आज  काले अंग्रेजो से ही साठ-गाठ करके पुनः भारत को गुलामी की बेडियों में डालने का कार्य मोदी सरकार कर रही है । जिसका विरोध अपना घर बार छोडकर हजारों की संख्या में किसान दिल्ली सीमा के अलग अलग बोर्डरों पर डटकर  कर रहे है ।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि संयुक्त मोर्चा के आहवान पर भारत का किसान एक जुटहोकर यदि समय रहते किसानों की बातों को नजर अंदाज किया गया तो केंद्र सरकार का तख्ता पलटने के लिए किसानों का शांतिपूर्ण आंदोलन युवा शक्ति के उबलते खून उग्र रूप धारण करेगा जिसकी जुम्मेवारी स्वयं सरकार की होगी । अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राजाराम मील जिला अलवर,  एवं अखिल भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष बलबीर छिल्लर, योगेंद्र यादव, पूर्व विधायक अमराराम, पूर्व विधायक पैमाराम, छगन लाल चैधरी, डॉ० संजय माधव, मुसद्दी लाल यादव, कामेरड राजेंद्र ऐडवोकेट व अन्य किसान नेताओं ने अपनी बात भी कही।  धरना स्थल पर 15 दिनों से जारी  क्रमिक अनशन पर कंवर सिंह यादव अलवर, शोषिन कुमार श्री गंगानगर, मनदीप रमाणा श्री गंगानगर, रोहित कल्याण, पंकज यादव, हरिशंकर माण्डिया, प्रहलाद माण्डोता, कामरेड श्यामलाल घायल जयपुर, कामरेड ओमप्रकाश, सतीश कुमार नारनौल, भगवान बधाला जयपुर, विक्रम सोनी चुरू, उमेद सिंह, रोबिन कुमार मौजूद रहे ।

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