नई ईस्ट इण्डिया कंपनी की फिर से स्थापना किसानों की बर्दास्त से बाहर. खेडा बोर्डर पर आंदोलनकारियों का काफिला, पाचं किलो मीटर में फैला. कर्मिक अनशन के साथ, रामपाल जाट का तीन दिवसीय पेयजल अनशन फतह सिंह उजाला गुरूग्राम/पटौदी। एक माह से केंद्र सरकार द्वारा ध्वनि मत से पारित किए गए किसान विरोधी तीन कृषि कानूनों सहित बिजली विधेयक के विरोध में दिल्ली के चारो तरफ और पांच बोर्डरों पर किसानो का लंगर सहित धरना, किसानों की भारी संख्या में कडकडाती ठंड में जारी है । वहीं अहीरवाल के लंदन रेवाड़ी के हलके बावल में दिल्ली-मुम्बई राष्ट्रीय राज मार्ग के जयसिंहपुर खेडा बोर्डर , जिला अलवर राजस्थान की सीमा के गांव शाहजहांपुर क्षेत्र में पिछले 16 दिनों से कडकडाती ठंड में राजस्थान, गुजरात महाराष्ट्र, हरियाणा, आंध्रप्रदेश के सैकडो किसानों का जमावड़ा प्रतिदिन बढ़ना जारी है । लगभग पांच किलो मीटर एरिया में हरियाणा पुलिस द्वारा हाईवे पर भारी भरकम बैरिगेट, पुलिस पोस्ट की स्थापना करके दिल्लाी की ओर जाने से रोका गया है । वहीं दिल्ली जाने की जिद को लेकर किसानों ने दो टूक शब्दों में सोमवार को सभा को सम्बोधित करते हुए श्रीगंगानगर राजस्थान के किसान नेता सरदार राजू सिंह, पूर्व कृषि मंत्री आंध्रप्रदेश वीएस राव, पूर्व विधायक तजेंद्र सिंह, विक्र गाजीपुर बोर्डर, गोपी गुर्जर राजस्थान गुर्जर महापंचायत के उपाध्यक्ष विजय सिंह चैधरी विपिल पटेल गुजरात, राजाराम मील व अनेंको वक्ताओ ने केंद्र सरकार को ललकारते हुए कहा कि बैठक और बैठक सहित तारीख पर तरीख अब किसानों की बर्दास्त से बाहर होता जा रहा है । स्वराज इंडिया और भारत स्वाभिमान आंदोलन सहित संयुक्त किसान मोर्चा के सहयांेगी योगेंद्र यादव सहित अन्य किसान नेताओं ने कहा कि , 29 दिसम्बर मंगलवार को को केंद्र सरकार के द्वारा यदि किसानों पर थोपे गए कृषि कानून को निरस्त नही किया गया व किसानों की मांगों को पूर्व की भंाति ढुलमिल रैवये को लेकर नाकारात्मक सोच रखी जाती है तो संयुक्त मोर्चा के आहवान पर दिल्ली के चैतरफा समस्त छह बोर्डरों के किसान नेता अपनी आगामी रणनीति के मुताबिक अभूतपूर्व बंद कर देंगे । जिसकी जुम्मेवारी स्वयं केंद्र व राज्य सरकार की होगी । यहां यह बता दे कि जयसिंहपुर खेडा बोर्डर पर युवा शक्तियां दिन-प्रतिदिन उबाल खा रही है । जिसके लिए मंच से बार-बार अनांऊसमेंट की जा रही है कि बिना संयुक्त मोर्चा के आहवान के कोई भी कार्यकर्ता पहल नही करेेगा । किसान नेताओं ने कहा कि अपनी तरह के अंहिसात्मक, सौहार्दपूर्ण, भाईचारा का मिसाल किसान आंदोलन में संत बाबा राम सिंह सहित 42 किसानों की शहादत अभूतपूर्व है । युवाओं को चाहिए कि शहादत के लिए सैकड़ो की संख्या में युवा शक्ति सरदार भगत सिंह के बलिदान को लेकर आगे बढ रही है । किसानों का संयुक्त मोर्चा अंहिसा वादी है । यदि सीधी अंगुली से घी निकालने के लिए किसान नेता केंद्र सरकार से बातचीत में लगे है , उन्हे विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानो ंके हक में अपना फैसला लेंगे। क्योंकि प्रधान मंत्री किसान मजदूरों के द्वारा वोट देकर बनाए गए है । इस अवसर पर खेडा बोर्डर पर क्रमिक अनशन पर सांवर यादव नागौर, पुष्कर मल जयकिसान आंदोलन, भगवान सिंह श्रीगंगानगर, विजय सिंह, बलबीर सिंह ठाकुर, भागीरथ जयपुर, अरविंद्र गढवाल, महेंद्र झुंझनू, जयकुमार, जितेंद्र व अशोक सीकर, संजय कुमार अमेटी मौजूद रहे । Post navigation सरकार ने परिवार पहचान पत्र को सरकारी योजनाओं एवं सेवाओं के साथ किया लिंक दीमक खेत की उर्वरा शक्ति बढाने में सहायक: डा. भरत सिंह