भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

कोरोना, किसान आंदोलन से बढक़र आजकल मुख्यमंत्री का ध्यान निगम चुनावों की ओर लगा हुआ है। कल वह रेवाड़ी में निगम चुनावों के लिए बोल रहे थे। तो उन्होंने यह कहा कि विपक्ष मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रहा है। प्रश्न खड़ा होता कि आखिर मुख्यमंत्री को यह कहने की आवश्यकता ही क्यों पड़ी?

राजनैतिक चर्चाकारों का कहना है कि पिछले दिनों निर्दलीय विधायकों की एक बैठक हुई, जिसमें चार निर्दलीय विधायक मुख्यमंत्री से जाकर मिले भी। कहा यह गया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से किसान आंदोलन जल्द समाप्त करने की बात कही है। उससे पहले सोमबीर सांगवान, बलराज कुंडू आदि साथ छोड़ ही चुके हैं।

इधर हालात जजपा में भी कोई अच्छे नहीं हैं। किसान आंदोलन का दबाव जजपा पर बहुत है। उनके आदमी भी किसान समर्थन की बात कर रहे हैं और कुछ छोड़ गए और कुछ छोडऩे की बात कर रहे हैं। ऐसे में क्या हो सकता है यह विचारनीय प्रश्न है।

यदि मजबूर होकर दुष्यंत चौटाला को भाजपा का साथ छोडऩा पड़ा तो सरकार निर्दलियों के सहारे तो बचने से रही। चर्चाकार यह बात भी कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री मंत्रीमंडल विस्तार और चेयरमैनों के बनाने की बात को कहकर अनेक लोगों को रोके हुए हैं लेकिन कब तक रोक पाएंगे।

इसको देखकर लगता है कि मुख्यमंत्री के दिमाग में यह बात चल रही है कि कहीं सरकार गिर न जाए और वही बात निगम चुनाव के प्रचार में उनकी जबान पर आ गई।

अब बात करें निगम चुनाव की तो रेवाड़ी में भाजपा को पूर्ण बहुमत से सत्ता में लाने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामबिलास शर्मा के हाथों में है रेवाड़ी निगम चुनाव की कमान। ऐसे में मुख्यमंत्री का रेवाड़ी में चुनाव प्रचार करना रामबिलास शर्मा की योग्यता पर संदेह होने के कारण ही हुआ होगा।

उधर कल ही एक ही मंच पर मुख्यमंत्री और राव इंद्रजीत थे और राव इंद्रजीत अपनी आदत के अनुसार यह कहने से नहीं चूके कि मुख्यमंत्री तराई के क्षेत्र में जाकर भी रैलियां और प्रचार करें। इन बातों सो उन दोनों के मन की खटास फिर जग जाहिर हो गई।

आज मुख्यमंत्री का निगम के चुनाव का दौरा सोनीपत में था। अब यह आने वाला समय बताएगा कि मुख्यमंत्री जहां-जहां दौरा कर रहे हैं, वह सीट भाजपा के खाते में आती हैं या नहीं।

इधर रामबिलास के समर्थकों का कहना है कि मुख्यमंत्री के आने से राह थोड़ी दुर्गम हो गई है और सोनीपत में बलराज कुंडू का कहना है कि आज मेरी राह आसान हो गई है। वैसे गुरुग्राम में पंजाबी क्षेत्र में मुख्यमंत्री ने प्रचार किया था लेकिन वह कोई सीट भाजपा जीत नहीं पाई थी। अब समय बताएगा आगे क्या होता है।

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