25 से 27 दिसंबर तीन दिन हरियाणा राज्य में सभी टोल फ्री की घोषणा. कृषि कानून वापिस लेने अथवा रद्द किये जाने तक जारी रहेगा धरना फतह सिंह उजाला गुरूग्राम/पटौदी। बीते तीन संपताह से केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि कानून व दो अन्य कानून के विरोध केा लेकर किसानों का संघर्ष गिरते पारे में आंेर ंभी अधिक उफान पर जा रहा है । इसी कड़ी में दिल्ली-जयपुर नेशनल होईवे पर राजस्थान और हरियाणा सीमा पर अहीरवाल के लंदन रेवाड़ी के पास दिल्ली जाने की जिद्द पर ब्रेक लगाने को हरियाणा पुलिस द्वारा जयसिंहपुर खेडा बोर्डर पर बड़ी संख्या में राजस्थान महाराष्ट्र, गुजरात, केरला के संयुक्त मोर्चा बैनर तले किसान डेरा डाले हुए है । किसान आंदोलन के केंद्रीय किसान नेताओं की आंदोलन की रणनीति के तहत बनीपुर चैक व खेडा बोर्डर पर 11-11 प्रमुख किसानों ने 24 घंटे का अनशन आरंभ कर केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि किसान तीन कृषि कानून का विरोध कर रहा है। केंद्र और हरियाणा सरकार किसान भाईचारे को फूट डालने का कुप्रयास करते हुए भाईचारे को खराब नही करे । किसान आंदोलन शांतिपूर्वक है , इसे हिंसा का रूप नही दिया जा रहा। खेडा बोर्डर पर लंगर डाले बैठे किसान जाट महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट व राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम, बलबीर छिल्लर, जिला अलवर राजस्थान के अध्यक्ष ललित त्यागी, संगठन सचिव व मलिक सहित बोर्डर पर उपस्थित राष्ट्रीय वेंटर ऐसोसिएशन के अध्यक्ष सुबेदार मेजर जेपी मीणा उत्तरप्रदेश, वेंटन ऐसोसिएशन दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष सुबेदार बीर सिंह चैहान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में प्रत्याशी रहे दक्षिण हरियाणा के फौजी तेज बहादुर सिंह ने हरियाणा राज्य की सरकार को ललकारते हुए कहा कि वे दिल्लाी जा रहे किसानों का बीच का रास्ता ना रोके , कोर्ट के आदेशो के बाद की यह स्पष्ट हो गया है कि उनका रास्ता रोकना असवैंधानिक है । धरनारत किसानों व साथियों नें तीखे शब्दों में चेताते हुए कहा कि देश की सीमा पर ंचैकसी करने वाले सभी जवान किसानो ंके है । उनको अपने घरों में बैठे माता पिता बीवी बच्चों व वृद्ध दादा-दादी के द्वारा आज सड़क पर बैठने के लिए मजबूर करना , उनके दो वक्त के निवाले का छिनने का कार्य करना, कॉपरेटिव घराने को मजबूत करना गवारा नही है । ऐसे में उनका मन कब बदल जाएं , घर की याद आ जाएं , यह भी सरकार को महंगा पड सकता है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बोर्डरो पर लगाई गई पैरामिलट्री फौज में उन्ही के साथी है । सभी रिटार्यड फौजी एक जुट होकर पैरामिलट्री फौज से अपना संयम बनाने का आग्रह कर रहे है । कहीं ऐसा ना हो कि केंद्र सरकार पर लगाए गए सुरक्षा बल अपने परिवारों व अन्न दाता की रक्षा करने के लिए पलटवार ना कर दे। देश के राजा को चाहिए कि वे किसानों को जब उनके द्वारा कोविड महामारी के दौरान पारित किए गए कृषि कानून मंजूर ही नही है तो उनको वापस ले, जिससे देश में अमन शांति बनी रहे । अहीरवाल के लंदन रेवाड़ी की सीमा पर ही पूर्व विधायक एवं किसान नेता पैमा राम, बलबीर सिंह कोटा बूंदी, संजय माधव अखिल भारतीय किसानसभा संयुक्त राज्य मंत्री छगन लाल चैधरी ने कहा कि आगामी 27 दिसम्बर को देश के प्रधानमंत्री द्वारा कही जाने वाली मन की बात का विरोध देश का समस्त किसान विशेषकर बोर्डरों व घरों में बैठा मजदूर , किसान परिवार , दिल्ली जाने को लालयित किसान, अब ताली व थाली बजाकर पीएम मोदी के मन की बात का विरोध करेगा । इसी के साथ साथ 23 दिसम्बर को समस्त भारत का किसान मजदूरों से अपील की गई है कि वे एक समय का उपवास करके प्रधानमंत्री द्वारा तीन किसान विरोधी बिल का विरोध करे जिससे गंूगी बहरी सरकार की आखें खुलने के साथ साथ आगामी 25 से 27 दिसम्बर को सभी टोल फ्री होने की भी घोषणा की गई । इसी क्रम में बावल के बनीपुर चैक पर अनशन पर बैठे रामकिशन महलावत की अगुवाई में बावल-84 के प्रधान सुमेर जेलदार, महेंद्र ककरावत, रणबीर सिहं टीकला, श्योचंद सैनी, सरजीत महलावत, सुरता खिजूरी, रामकंवार तिहाडा, सुमेर, महेंद्र व किशन बनीपुर, अत्तर सिंह प्राणपुरा व जयसिंहपुर खेडा बोर्डर पर सोमवार को अनशन पर बैठे 11 किसानों में किसाननेता अमराराम, मंगल सिंह यादव सीकर, कालू थोरी श्रीगंगानगर, रामेश्वर बगडिया सीकर, मोती शर्मा नागोर, भगत सिंह चुरू, भीम सिंह हनुमानगढ, भगवानाराम चुरू, दया भाई गुजरात, बलबिंद्र सिंह, श्रीगंगानगर व बेगाराम प्रजापति चुरू द्वारा एलान किया गया कि क्रमिक अनशन जब तक केंद्रीय किसान कमेटी द्वारा पूर्व आदेश नही आ जाते है जारी रहेगा। पडाव डाले अनशन पर बैठे किसानों के मनोबल को बढाने के लिए जहां पूर्व सैनिको ने मान बढाया वहीं फिल्म इंडस्ट्रीज गुजरात के डायरेक्टर लखन लाल ने स्वामीनाथन आयोग पर फिल्म बनाई थी वे उपस्थित रहे । वहीं पंजाब में जन्मी व अमेरिका में अपने कारोबार के साथ साथ फरीदाबाद प्रतिष्ठान की मालिक जगजीत कौर उर्फ पन्नू अपने साथी कुलदीप सिंह व अन्य साथ लंगर डाले बैठे सैकड़ो किसानों के लिए खाद्य सामग्री, गर्म कम्बलों के साथ पंहुची और कहा कि उनका व प्रतिष्ठानो का समर्थन बना रहेगा । छह माह का राशन किसानों के टेंट में है । अब देखना यह है कि भाजपा सरकार क्या रूख अपनाती है । Post navigation वेतन को लेकर हारट्रोन के आईटी प्रोफेशनल्स में रोष प्रस्तावित बस अड्डे की जमीन से हटाया अतिक्रमण-निर्माण