चक्का जाम, श्रमिकों के हितों की बजाय राजनीति से प्रेरित है – बीएमएस। आज दिनांक 24 नवम्बर 2020 को प्रैस को जारी ब्यान में भारतीय मजदूर संघ गुरूग्राम के जिला मंत्री एवं भारतीय प्राईवेट ट्रांसपोर्ट मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री योगेश शर्मा ने बताया कि 26 नवम्बर को कुछ श्रमिक संगठनों ने राष्ट्रीय हड़ताल व चक्का जाम का आहवान किया है, जिसकों लेकर भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय महामंत्री विनय कुमार सिन्हा ने स्पष्ट संदेश देते हुए कहा है कि भारतीय मजदूर संघ और उसके घटक इस राष्ट्रीय हड़ताल में शामिल नही होंगे। साथ ही इंटक के अध्यक्ष माननीय जी. संजीवा रेडडी ने भारतीय मजदूर संघ को हड़ताल में शामिल होने का प्रस्ताव भेजा था, जिसका लिखित जवाब भारतीय मजदूूर संघ ने उनको भेजा और उन्हे अपने नजरियें को स्पष्ट कर दिया है। योगेश शर्मा ने बताया कि भारतीय मजदूर संघ का दृढ़ विश्वास है कि एक ट्रेड यूनियन के रूप में हमें अपने आप को श्रमिकों के हितों के क्षेत्रों तक सीमित करना चाहिए, यह हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है, जैसे कि किसानों के मुद्दों और छात्रों के विरोध जैसे बड़े मुद्दों में शामिल होने के बजाय, सामान्य समाज में, जबकि हमारे अपने मोर्चो पर इतना कुछ कहा जाना बाकी है। योगेश शर्मा ने कहा कि केन्द्र सरकार 4 कानूनों मे श्रम कानूनों के संहिताकरण के साथ आई है और भारतीय मजदूर संघ ने सरलीकरण और संहिताकरण प्रक्रिया का स्वागत किया है, क्योकि यह दूसरे श्रम आयोग की सिफारिस का हिस्सा था। बीएमएस श्रमिकों के लिए अत्यधिक लाभकारी के रूप में मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा संहिता पर संहिता के अधिकांश प्रावधानों का स्वागत करता है। साथ ही अन्य दो कोडो के मुख्य प्रावधान का विरोध करता है, जिसमें आईआर कोड़ और ओएसएच और डब्ल्यूसी कोड आते है। इस तथ्य के बावजूद कि सभी विशेषज्ञों ने इस बात का विरोध किया है कि 4 कोड मौजूदा श्रम कानूनों का सिर्फ नकल किए गए संकलन है, उन्हे हटाए जाने की मांग के लिए हमें दशकों से पूर्वांचल के साथ रहने की जरूरत है। इसके अलावा, बीएमएस ने सभी 4 कोड बिन्दुओं, खंड-वार और पैराग्राफ-वार पर अपनी चिंताओं को उठाया है और उसी के संशोधन के लिए पूरा प्रयास कर रहा है। फिर भी इस बात से बीएमएस सहमत है कि सरकार के कुछ कदम हमारी मांगों के अनुरूप नही है, लेकिन सरकार को राष्ट्रविरोधी कहना हास्यास्पद और अनुचित लगता है। योगेश शर्मा ने कहा कि हड़ताल में शामिल होने वाले श्रमिक संगठनों दवारा उठाए गए मुद्दों को और अधिक ब्रीफिंग और विचार विर्मश की आवश्यकता है। श्रम क्षेत्र के लिए बड़ी चुनौती विभिन्न सरकारी दलों से संबंधित राज्य सरकारे, जो पहले से ही श्रम कानूनों को केन्द्रीय सरकार से बदतर कर चुकी है। योगेश शर्मा ने कहा कि ट्रेड युनियनों को केवल केन्द्र सरकार को चुनिंदा निशाना बनाने के बजाय राज्य सरकारों के खिलाफ भी लड़ना नही भूलना चाहिए। एक बार श्रमिकों के मुद्दे केन्द्र स्तर पर ले जाते है, तो हम अधिक समकालिकता के साथ काम कर सकते है। बीएमएस पहले से ही विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय सभी यूनियनों के साथ निकट सहयोग में काम कर रहा है, जैसा कि और जब संभव हो, श्रमिकों के विषयों व उनकी मजबूती के लिए उनके मुद्दे। साथ ही भारतीय मजदूर संघ कई सयुक्ंत मंचों का हिस्सा है, जहां श्रमिकों और उधोगों से जुड़े हुए है और हम देशवासियों को यह सुनिश्चित करते है कि हम सभी स्तरों पर श्रमिकों और उनके मुद्दों को लगातार सम्बोधित करते रहेंगें। भारतीय मजदूर संघ में शामिल क्षेत्रीय व्यापार संघ की एकता के कारण श्रमिकों के मुद्दों को गंभीरता से उठाने पर हम विभिन्न क्षेत्रों में कामयाब रहे है। योगेश शर्मा ने कहा कि गुरूग्राम सहित पूरे हरियाणा व देश भर में भारतीय मजदूर संघ से सम्बन्धित सभी युनियने चाहे हरियाणा परिवहन विभाग हो, एचएसवीपी विभाग हो, नगर निगम विभाग हो, बिजली, स्वास्थ्य विभाग हो, सहित प्राईवेट क्षेत्र में कार्यरत ऑटों युनियन व दूसरी कर्मचारी युनियनों के कार्यकर्ता 26 नवंबर की हड़ताल में शामिल नही होंगे क्योंकि हड़ताल व चक्का जाम श्रमिकों के हितों में न होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है। सभी बीएमएस के कार्यकर्ता अपने अपने क्षेत्रों में रोजमर्रा की तरह काम करेंगे। Post navigation कोविड 19 अपडेट…..शहर से लेकर देहात तक कोरोना कोविड-19 की लहर 12 दिसम्बर को गुरूग्राम जिला की विभिन्न अदालतों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा