जांच में शामिल चारों पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की प्रकिया सरकार एक माह में करे पूरी गुडग़ांव, 25 जनवरी (अशोक): जिले के एक निजी स्कूल की कक्षा दूसरी के छात्र प्रिंस की हत्या का मामला जिला अदालत में चल रहा है। इस हत्याकांड की जांच में चूक हुई थी और मामले की जांच प्रदेश सरकार ने सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई ने पुलिस जांच को पूरी तरह से पलट दिया था। सीबीआई ने इस मामले की जांच कर रहे पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति प्रदेश सरकार से मांगी थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने अनुमति नहीं दी थी। इसी सबको लेकर पीडि़त पक्ष व सीबीआई ने प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में 2 वर्ष पूर्व याचिका दायर की थी। इस याचिका पर उच्च न्यायालय में सुनवाई होती रही और सुनवाई पूरी होने पर उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था कि पुलिसकर्मियों के विरुद्ध मुकदमा चलेगा या नहीं। गत दिवस उच्च न्यायालय नेे हरियाणा सरकार के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें सरकार ने 4 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से इंकार कर दिया था। इन पुलिसकर्मियों ने प्रिंस की हत्या के मामले में बस कंडक्टर अशोक को झूठा फंसाया था। उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को आदेश दिए हैं कि एक माह के भीतर पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा चलानेे की मंजूरी की प्रक्रिया पूरी की जाए। न्यायालय ने सरकार द्वारा पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी न देने पर नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि यह एक तरह से मनमानी है। न्यायालय का यह भी कहना है कि सीबीआई के पास पुलिस के खिलाफ जांच करनेे का अधिकार है। जो सीबीआई ने अपनी जांच मेें स्पष्ट भी कर दिया है औैर पुलिस की जांच को पलटते हुए पुलिस द्वारा बनाए गए आरोपी बस कंडक्टर अशोक को निर्दोष साबित करतेे हुए स्कूल केे ही 11वीं के छात्र भोलू को इस मामले का जिम्मेदार ठहराया था। यही वास्तविक अपराधी हैै। इस प्रकार उच्च न्यायालय नेे सीबीआई व प्रिंस के परिजनों द्वारा दायर की गई याचिका पर फैसला सुना दिया है। गौरतलब है कि वर्ष 2017 की 8 सितम्बर को जिले के एक निजी स्कूल के शौचालय में कक्षा दूसरी के छात्र की गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने आनन-फानन में स्कूल बस परिचालक अशोक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जब परिजनों ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की प्रदेश सरकार से गुहार लगाई तो सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी थी। सीबीआई ने इसी स्कूल के कक्षा 11वीं के छात्र भोलू को गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह भेज दिया था। भोलू की जमानत सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्वीकृत कर ली गई है, वह इस समय जमानत पर है। जिला अदालत में चल रहे इस मामले में अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक गवाहों की गवाही हो चुकी है। Post navigation गुडग़ांव में सुरक्षा व्यवस्था चरमराई, कहीं हत्या तो कहीं गोलियों से दहशत: पंकज डावर