106वें शहीदी दिवस पर शहीदों के सपनों का भारत बनाने का लिया संकल्प

13 अप्रैल 2025 | रेवाड़ी, गुरुग्राम – जलियांवाला बाग नरसंहार की 106वीं बरसी पर स्वयंसेवी संस्था ‘ग्रामीण भारत’ के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने संस्था कार्यालय में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर कपिल यादव, अमन कुमार, प्रदीप यादव, अजय कुमार और कुमारी वर्षा भी उपस्थित रहे और उन्होंने भी शहीदों के प्रति अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि
“13 अप्रैल 1919 को बैसाखी के दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में देश की आज़ादी की मांग को लेकर एकत्र हुए निहत्थे नागरिकों पर अंग्रेज अधिकारी जनरल डायर द्वारा किया गया गोलीकांड इतिहास का सबसे बर्बर कृत्य था। उस बर्बरता ने न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर दिया।”
उन्होंने बताया कि कैसे जनरल डायर ने बिना चेतावनी के चारदीवारी से घिरे बाग में प्रवेश कर सभी रास्ते बंद करवा दिए और निहत्थे नागरिकों पर अंधाधुंध गोलियां चलवाईं, जिससे सैकड़ों लोगों की जान चली गई।
विद्रोही ने कहा कि
“यह नरसंहार भारत की आज़ादी के संघर्ष का एक निर्णायक मोड़ बना। जलियांवाला बाग के इन अमर शहीदों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देशभक्ति की मिसाल कायम की, जिस पर आज भी हर भारतवासी को गर्व है।”
उन्होंने यह भी स्मरण कराया कि इस कांड के जिम्मेदार जनरल डायर को बाद में भारत मां के वीर सपूत शहीद उधम सिंह ने 13 मार्च 1940 को लंदन में गोली मारकर न्याय दिलाया, लेकिन ब्रिटिश हुकूमत ने स्वयं कभी इस नरसंहार के लिए डायर को सजा नहीं दी।
कार्यक्रम के समापन पर विद्रोही ने कहा कि
“देश आज़ाद हो चुका है, लेकिन शहीदों के सपनों का भारत बनना अभी बाकी है। जब तक हम एक समावेशी, न्यायपूर्ण और आत्मनिर्भर राष्ट्र नहीं बनाते, तब तक इन शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि अधूरी रहेगी।”