सरकार ने छात्र-विरोधी फैसला लेकर गरीब बच्चों का डाक्टर बनने का सपना तोड़ दिया :- अनिल धनखड़

चरखी दादरी जयवीर फोगाट,

 युवा कांग्रेस के जिला प्रधान अनिल धनखड़ ने हरियाणा में सरकारी मेडिकल कॉलेजों के शुल्क में वृद्धि के लिये भाजपा-जजपा सरकार की आलोचना की और अपने कार्यालय में छात्रों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार गरीब छात्रों को शिक्षा से वंचित रख रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में सरकारी मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई की फीस 53 हजार रुपए सालाना थी। अब सरकार ने हर साल छात्रों से दस लाख रुपए का बोंड भरवाने का तुगलकी फैसला सुनाया है। इस हिसाब से 4 साल में अब यह फीस 40 लाख रुपए प्रति विद्यार्थी होगी। जिसमें से 80 हजार रुपए सालाना फीस नकद वसूली जायेगी और इस फीस में हर साल दस प्रतिशत की वृद्धि भी की जाएगी। इस प्रकार हर विद्यार्थी को 3,71,280 रुपए फीस अपनी जेब से देनी होगी और इसके साथ-साथ 36,28,720 रुपए का लोन भी चुकाना होगा।     

  उन्होंने कहा कि फिलहाल हरियाणा में निजी मेडिकल कॉलेज में 4 साल की एमबीबीएस की फीस 15 लाख से 18 लाख रुपए थी पर सरकारी मेडिकल कॉलेज में अब यह 40 लाख रुपए होगी, जो ब्याज सहित 55 लाख रुपए हो जायेगी। इससे साफ प्रतीत होता है कि खट्टर सरकार गरीब विद्यार्थियों को निजी मेडिकल कॉलेजों की तरफ धकेलना चाहती है ताकि वो वहां दाखिला लें और निजी कॉलेज 18 लाख फीस तथा ऊपर की कमाई कर पायें। भाजपा सरकार का यह षडयंत्रकारी निर्णय युवा व गरीब विरोधी है तथा निजी मेडिकल कॉलेजों की मदद के लिए किया गया है।

 उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा के अस्पताल डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहे हैं, वहीं जनता बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रही है। ऐसे में हरियाणा सरकार ने हाल ही में एक छात्र-विरोधी फैसला लेकर गरीब बच्चों का डाक्टर बनने का सपना भी तोड़ दिया है। एक प्रकार से इस छात्र विरोधी फैसले से भाजपा-जजपा सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई को अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्गों, गरीबों और आम मध्यमवर्गीय परिवारों की पहुंच से बाहर कर दिया है।

You May Have Missed

error: Content is protected !!