घटना शुक्रवार हेलीमंडी में एक प्राइवेट स्कूल के बाहर की.  
छात्रा की सहेलियों ने सबसे पहले स्कूल टीचर को दी जानकारी.
नाबालिक छात्रा और आरोपी को  पटौदी के होटल से दबोचा.
थाना पुलिस ने नहीं दी वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी जानकारी

फतह सिंह उजाला

पटौदी ।   महिलाओं के प्रति अपराध दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं और सबसे अधिक सॉफ्ट टारगेट युवतियां या फिर नाबालिक छात्राएं ही हैं । ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला शुक्रवार को सामने आया । यह घटना पटौदी थाना अंतर्गत हेलीमंडी पुलिस चैकी अधिकार क्षेत्र में एक प्राइवेट स्कूल के बाहर की है । छात्रा के परिजनों के मुताबिक छात्रा को एक गाड़ी में कुछ लोगों के द्वारा जबरन ले जाने की जानकारी करीब 9 बजे ही उन्हें मिल गई थी और अपने स्तर पर की गई तुरंत जांच पड़ताल में छात्रा अथवा बेटी और उसे अगवा करने वाला पूर्व फौजी पटौदी के ही एक होटल में दबोच लिया गया।

इसकी सूचना तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को दी गई । करीब 10 बजे पुलिस नाबालिग छात्रा और आरोपी को अपने साथ लेकर पटौदी थाना पहुंच गई।  लेकिन दिन ढले 7. 30 बजे तक भी छात्रा के पिता के द्वारा दी गई शिकायत के बावजूद पुलिस के द्वारा कोई मुकदमा आरोपियों के खिलाफ दर्ज नहीं किया गया । इस विषय में पटौदी थाना एसएचओ करण सिंह का कहना है कि मामले में कार्यवाही की जा रही है । वही डीसीपी मानेसर निकिता गहलोत से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि वह पूरे मामले के बारे में पता लगाती हैं कि आखिर है क्या ? डीसीपी के इस जवाब से ऐसा महसूस होता है कि थाना पुलिस के द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस प्रकार के गंभीर और संगीन अपराध में भी जानकारी देना जरूरी नहीं समझा गया ।

नाबालिग छात्रा के पिता के मुताबिक बेटी प्रतिदिन की तरह स्कूल के लिए रवाना हुई थी। स्कूल पहुंचने से कुछ पहले ही एक कार में कुछ लोगों के द्वारा जबरदस्ती छात्रा को अगवा कर लिया गया। छात्रा के साथ जाने वाली सहेलियों ने बिना देरी किए इस घटना की जानकारी स्कूल में महिला अध्यापक को दी और महिला अध्यापक के द्वारा छात्रा के परिजनों को घटना के बारे में बताया गया । इसके बाद इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी अपहरण की गई छात्रा के पिता को मिली और वह अपने परिचितों के बेटी सहित अगवा करने वाला जो कि उन्हीं के मोहल्ले में रहने वाला पूर्व फौजी है और कार में आए लोगों की तलाश में जुट गए । छात्रा के पिता के मुताबिक उन्हें यह भनक लगी कि उनकी बेटी और आरोपी पटौदी के पास ही एक होटल में मौजूद है । बिना देरी किए छात्रा के पिता और अन्य लोग होटल पर पहुंचे तो छात्रा सहित उसको जबरन अगवा करने वाला मौके पर ही मौजूद मिल गया। लेकिन इससे पहले होटल प्रबंधन के द्वारा पूछताछ करने पर जानकारी देने में आनाकानी की गई ।

बिना देरी किए पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी गई । इसके बाद पटौदी थाना पुलिस संबंधित होटल पर पहुंची और नाबालिग छात्र सहित आरोपी को अपने साथ पटौदी थाना ले कर आ गई । कथित रूप से नाबालिग छात्रा को आरोपी अधेड़ पूर्व फौजी होटल के ही एक कमरे में लेकर पहुंचा था। दिन ढले तक भी आरोप अनुसार पटौदी पुलिस ने नाबालिग छात्रा और उसके अभिभावकों के बीच कोई बातचीत नहीं होने दी । अभिभावकों का आरोप है कि इस दौरान थाना में ही मौजूद एक महिला पुलिसकर्मी छात्रा को घेर कर बैठे रही।  जब इस मामले में पटोरी थाना एसएचओ करण सिंह से सवाल किया गया कि छात्रा और उसको अपहरण करने के आरोपी को 10 बजे काबू किया जाने के बाद परिजनों के द्वारा दी गई शिकायत पर 7 . 30 बजे सायं तक भी कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ और नहीं नाबालिग छात्रा का मेडिकल करवाया गया ? इस पर जवाब मिला कि 10 मिनट में सभी कार्रवाई पूरी करवाने का प्रयास किया जा रहा है । इधर 8 घंटे से भी अधिक समय तक छात्रा का मेडिकल नहीं करवाया जाने को लेकर अभिभावकों सहित परिचितों में पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर गहरी नाराजगी बनी हुई है ।

इस पूरे प्रकरण में हैरानी उस समय हुई जब डीसीपी निकिता गहलोत से संपर्क कर संबंधित मामले में की गई कार्यवाही के बारे में जानकारी मांगी गई, तो कहा कि  वह पूरे मामले की अभी जानकारी प्राप्त कर रही हैं कि आखिर यह मामला है क्या ? ऐसे में लाख टके का सवाल यही है कि एक के बाद एक जहां महिला उत्पीड़न विशेष रुप से युवतियों और नाबालिग छात्राओं को बहलाने को फुसलाने सहित अपने जाल में फंसाने के मामले सामने आ रहे हैं तो ऐसे में 8 घंटे से अधिक समय तक पटौदी पुलिस किसके दबाव में हाथ पर हाथ धरे बैठी रही ?

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