स्कूलों में कोविड-19 की एंट्री के बाद सरकार का फैसला.
30 नवंबर तक बंद रहेंगे सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल

फतह सिंह उजाला

एक   दिन पहले ही जैसे यह मामला फूटा की कोरोना कोविड-19 की स्कूलों में और शिक्षण संस्थानों में एंट्री हो चुकी है । कोरोना कोविड-19 की एंट्री के साथ-साथ कोविड-19 ने अपनी चपेट में विभिन्न जिलों के छात्रों के साथ साथ अध्यापकों को भी जकड़ लिया है ।

इसके बाद शिक्षा विभाग , स्वास्थ्य विभाग और राज्य सरकार को विपक्ष में निशाने पर ले लिया । शिक्षण संस्थान खुले या बंद रहे ? इस बात को लेकर सरकार भी असमंजस में ही रही । फिर भी छात्रों के हित के साथ-साथ शिक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार के द्वारा शिक्षण संस्थान खोलने की मंजूरी प्रदान कर दी गई ।

लेकिन कोरोना कोविड-19 एक ऐसा अदृश्य संक्रमण का आतंकी साया है, जो कि कब, कहां, किस को अपनी जकड़ में ले ले, इसका भेद इसकी चपेट में आने वाले में फूटे लक्षण के बाद ही जांच के उपरांत खुलता है । बहरहाल सरकार ने बिना किसी विलंब के हरियाणा में सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूल सहित शिक्षण संस्थान 30 नवंबर तक बंद करने के फरमान जारी कर दिए हैं । पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि सरकार के द्वारा घोषणा के मुताबिक स्कूलों में  अवकाश घोषित कर छात्र वर्ग को छुट्टी दी गई है । सरकार के यह आदेश और फरमान कोरोना कोविड-19 पर लागू नहीं हो सकते । सवाल यह है कि आखिर कोरोना कोविड-19 क्यों और किसके कहने पर छुट्टी करें ? 10 दिनों की जो छुट्टी घोषित की गई, स्कूलों और शिक्षण संस्थानों को कोरोंना गाइडलाइन के मुताबिक पूरी तरह संक्रमण मुक्त करने के लिए सेंनेटाइज भी करवाना होगा । जिससे कि कम से कम 10 दिन के बाद सभी शिक्षण संस्थान सरकारी हो या प्राइवेट, कोरोना कोविड-19 से संक्रमण मुक्त हो सकें ।

अब इन 10 दिनों के दौरान कोरोना कोविड-19 कैसे और किस प्रकार अपने पर काबू रख सकेगा ? यह सवाल सभी स्कूलों में सरकार के द्वारा घोषित की गई छुट्टी के साथ भी जवाब मांग रहा है । चिंतन और मंथन का विषय यह है कि स्कूल और शिक्षण संस्थान बंद होने के बाद तमाम छात्र वर्ग और अध्यापक गण रहेंगे तो समाज के साथ गली, मोहल्ल,े शहर, गांव, कस्बे में अपनों के ही बीच । गांव, शहर, गली, मोहल्ले , कस्बों में तो छुट्टी किया जाना संभव ही नहीं है । ऐसे में जो भी कोरोना कोविड-19 पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं या जो भी कोरोना से पीड़ित है, क्या स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र या अध्यापक वर्ग में से ही शामिल हैं।

हां इस बात में कोई संदेह नहीं की युवा और छोटे छात्र वर्ग की सेहत के साथ-साथ समाज, राज्य और देश के भविष्य को सुरक्षित रखने के दृष्टिगत सरकार के द्वारा 30 नवंबर तक हरियाणा में सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पूरी तरह से छुट्टी घोषित करके अपनी तरफ से गंभीरतम प्रयास किया गया हैै। कि कोरोना कोविड-19 संक्रमण को किसी न किसी प्रकार से फैलने से रोका जा सके । सरकार के इस फैसले पर किसी भी प्रकार की बहस अथवा राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप अब कोई मायने नहीं रखते हैं।

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