चंडीगढ़, 23 अक्तूबर- हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री श्री अनिल विज ने आज प्रदेश की अधिकृत सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा वर्कर्स) के डिजिटल भुगतान और निगरानी के लिए ‘आशा-पे’ नामक एंड्रॉइड एप्लिकेशन / वेबपोर्टल का शुभारम्भ किया। इससे राज्य में कार्यरत 20268 आशा वर्कर्स को लाभ होगा। श्री विज ने कहा कि आशा वर्कर्स हमारे विभाग की बड़ी ताकत है। इस ऐप की सहायता से आशा वर्कर्स को उनका मासिक मानदेय एवं प्रोत्साहन राशि की अदायगी डिजिटल और शीघ्र होगी। इसके साथ ही आशा वर्कर्स का प्रदर्शन एवं मूल्याकंन रिपोर्ट का सत्यापन एवं स्वीकृति भी डिजिटल होगा। यहपहले व्यक्तिगत तौर पर होता था, जिसके कारण रिपोर्ट की प्रस्तुति एवं राशि के भुगतान में देरी होती थी। इस ऐप के शुरू होने से आशा वर्कर्स की पूरानी मांग पूरी हो जाएगी। इस ऐप की सहायता से प्रक्रिया की पूरी निगरानी वे स्वयं, अतिरिक्त मुख्य सचिव व एमडी स्तर के अधिकारियों द्वारा की जाएगी। उन्होंने राष्टï्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा इस ऐप को स्वयं बनाए जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए अधिकारियों को बधाई दी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सभी आशा वर्कर्स को असीमित कॉल और 4 जी 30 जीबी इंटरनेट मासिक डेटा के सीयूजी सिम उपलब्ध करवाए गए हैं ताकि शीघ्र इस प्रक्रिया को जीयो लोकेश्न से जोड़ा जा सके। इस ऐप के माध्यम से आशा वर्कर्स अपनी दैनिक / मासिक गतिविधियों को लोड करेंगी। आशा वर्कर्स अपने प्रोत्साहन के दावों की जांच भी कर सकेगी और अनुमोदन और भुगतान / प्रोत्साहन राशि का पता लगा सकेगी। उन्होंने कहा कि ऐप की सहायता से आशा वर्कर्स अपने लम्बित भुगतानों को भी विभिन्न स्तरों पर ट्रैक कर सकती हैं। इतना ही नही ऐप में गतिविधियों का अनुमोदन तथा स्वीकृति की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी तथा अस्वीकृत गतिविधियों को फिर से प्रस्तुत करने का प्रावधान भी होगा। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव अरोड़ा ने कहा कि आशा वर्कर्स के प्रदर्शन की निगरानी एवं रिपोर्ट राज्य मुख्यालय पर भी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य, जिला व ब्लॉक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली आशा वर्कर्स और निष्क्रिय होने की जानकारी भी इस पर प्राप्त होगी। इसके साथ ही राज्य के अस्पतालों में विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करवाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके लिए स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशानुसार कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में अब डीएनबी, डिप्लोमा कोर्सिज तथा डीएम की शुरूआत की गई है, जिससे अस्पतालों में उपचार के साथ-साथ शैक्षणिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिल रहा है। श्री अरोड़ा ने कहा कि राष्टï्रीय स्तर पर हरियाणा ने बच्चों में रक्त की कमी (एनिमिया) को नियंत्रित करने में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं में भी एनिमिया की कमी को दूर करने में हमारी सरकार काफी हद तक सफल रही है। उन्होंने कहा कि आशा वर्कर्स को अपनी गतिविधियों की रिपोर्ट लोड करने के लिए प्रत्येक माह के पहले 5 दिन दिए जाएंगे, जिसके बाद प्रक्रिया पूरी करते हुए 15 दिनों में उन्हें मानदेय उपलब्ध करवाया जाएगा। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक श्री प्रभजोत सिंह, आयुष महानिदेशक श्री अतुल द्विवेदी, स्वास्थ्य महानिदेशक श्री एस बी कम्बोज सहित अनेक निदेशक स्तर के अधिकारी मौजूद थे। Post navigation जेजेपी विधायक नैना चौटाला ने निजी कोष से असहाय व गरीबों को बांटे चैक 34 गांव गुरुग्राम नगर निगम में शामिल नहीं होना चाहते