राहुल गांधी का जोरदार स्वागत प्रमाण, किसानों में किसान कानूनों से भारी रोष : विद्रोही
7 अक्टूबर 2020, स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार की लाख तिडकमों व सत्ता-पुलिस दुरूपयोग के बाद भी राहुल गांधी की ट्रैक्टर यात्रा को पिहोवा से सटे पंजाब बोर्डर से हरियाणा में प्रवेश करने से रेाक नही पाई।
विद्रोही ने कहा कि संघी सरकार ने भारी पुलिस बल को आगे करके व कोरोना महामारी का बहाना बनाकर राहुल गांधी की ट्रैक्टर यात्रा को पंजाब से हरियाणा में प्रवेश करने से रोकने का काफी असफल प्रयास किया। लेकिन राहुल गांधी की दृढ़ इच्छाशक्ति व पंजाब कांग्रेस कार्यकर्ताओं के भारी विरोध के बाद जब पंजाब युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं नें हरियाणा पुलिस द्वारा लगाये गए बैरिकेट मारकंडा नदी में फेंक दिये तब हरियाणा सरकार व पुलिस के पास दो ही विकल्प बचे थे। क्या तो वह गोलिया चलाकर राहुल गांधी की ट्रैक्टर यात्रा को रोके या घुटने टेककर वार्ता से राहुल गांधी को शालिनता से हरियाणा में प्रवेश होने दे।
विद्रोही ने कहा कि आखिरकार हरियाणा संघी सरकार व पुलिस को सद्बुद्धि आई और उसने टकराव का रास्ता छोड़कर आपसी चर्चा से राहुल गांधी को हरियाणा में प्रवेेश करने दिया। पुलिस ने अनावश्यके टरकाव को टालकर उचित किया। हरियाणा में पिहोवा से कुरूक्षेत्र तक किसानों, आमजनों व कांग्रेस जनों ने राहुल गांधी को जो जोरदार स्वागत किया है, वह जींवत प्रमाण है कि किसानों में काले किसान कानूनों से भारी रोष है और हरियाणा के लोग मोदी-भाजपा-खट्टर संघी सरकार से आरपार की लडाई लडने को तैयार है।
विद्रोही ने पिहोवा-कुरूक्षेत्र में राहुल गांधी की ट्रैक्टर यात्रा के भारी स्वागत के लिए किसान, मजदूर, आमजन व कांग्रेसजनों का हार्दिक आभार प्रकट किया। वहीं मोदी-भाजपा-खट्टर संघी सरकार को चेतावनी दी कि यदि उसने अपना किसान, मजदूर, आम आदमी विरोधी फासिस्ट रवैया नही बदला तो उन्हे इसके गंभीर दुष्परिणाम भुगतने पड़ेंगे। खट्टर, विज व दुष्यंत जैसे बडबौलों को भी विचारना चाहिए कि यदि उन्होंने इसी तरह सत्ता अहंकार में सत्ता दुरूपयोग से विपक्षी आंदोलनों को कुलचने की सोच बनाये रखी तो हरियाणा का किसान, मजदूर, आमजन व कांग्रेसजन मजबूर होकर संघीयों का हरियाणा के गांवों में घुसने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाकर उन्हे उनकी हैसियत बताने को मजबूर हो जायेगा।
वहीं विद्रोही ने सिरसा में किसान बिलों का विरोध करने वाले किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज, आंसू गैस, वाटर कैनिंग की कठोर आलोचना करते हुए इसे किसान विरोधी बर्बर आचरण बताया। सिरसा पुलिस लाठीचार्ज व आंसू गैस में अनेक किसान घायल हुए, पर किासनों ने पुलिस बल के दुरूपयोग का गांधीवादी, लोकतांत्रिक ढंग से विरोध करके अपना रोष जताया।
विद्रोही ने कहा कि उन्हे दुख इस बात का है कि ताऊ देवीलाल जीवनभर किसानों की लडाई लडते रहे, आज उनका ही पडपौता उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला कुर्सी की लालच में देवीलाल के विचारों के विपरित जाकर किसानों पर बर्बर लाठीचार्ज करवाकर संघी दलाल बन गया। कांग्रेस प्रवक्ता ने किसानों पर सिरसा पुलिस लाठीचार्ज की निष्पक्ष-स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग करते हुए सम्बन्धित पुलिस अफसरों पर मुकदमे दर्ज करके कठोर कार्यवाही करने की मांग की।