पंचकूला, 03 अक्तूबर। हरियाणा पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण के निजीकरण के खिलाफ सभी हलकों में पांच अक्टूबर को गेट मीटिंग करने और आंदोलनरत इंजीनियरों व कर्मचारियों के साथ एकजुटता दिखाने का निर्णय लिया है। यूपी विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम वाराणसी डिस्कॉम के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ 29 सितंबर से आंदोलनात्मक रास्ते पर है और 5 अक्टूबर से कार्य बहिष्कार का आह्वान किया है।

एसोसिएशन के महासचिव केके मलिक ने कहा कि वे राज्य सरकार के तानाशाही रवैये की कड़ी निंदा करते हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष रामपाल सिंह ने बताया कि कार्यकारिणी में अभियंताओं के लंबित मुद्दों को यूएचबीवीएन/डीएचबीवीएन के सीएमडी, एमडी एचवीपीएनएल, अपर मुख्य सचिव (ऊर्जा) बिजली सचिव और बिजली मंत्री के समक्ष उठाने का निर्णय लिया गया। एचवीपीएनएल का पुनर्गठन, एई का वेतनमान, विभागीय खाता परीक्षा के संबंध में एचवीपीएनएल द्वारा मांगे गए हलफनामे पर संबंधित अधिकारियों से चर्चा की जाएगी ताकि सभी लंबित मुद्दों का समाधान हो सके।

कार्यकारी समिति ने निर्णय लिया कि कोई भी अभियंता विभागीय लेखा परीक्षा के लिए शपथ पत्र प्रस्तुत नहीं करेगा। केके मलिक ने पिछले सप्ताह शैलिंदरा दुबे और अन्य नेताओं की गिरफ्तारियों की भी निंदा की, जो भाघाट सिंह के जन्मदिन पर कैंडल मार्च का नेतृत्व करने वाले थे।

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