अनाज देने से पहले किसान आढ़तियों से ले लेते थे जरूरत के पैसे.  अब मंडी के व्यापारियों का काम खत्म,  किसान किसके पास जाएगा यह नहीं बता रही सरकार

गुड़गांव 1 अक्टूबर. नव जन चेतना मंच ने सरकार द्वारा लागू किए गए किसान बिल पर किसानों और व्यापारियों द्वारा की जा रही सभी मांगों का समर्थन किया है। मंच के संयोजक वशिष्ठ कुमार गोयल में कहा कि इस बिल से एक तरह से किसानों का मिनी बैंक और एटीएम कहे जाने वाले व्यापारियों के व्यापार और किसानों और व्यापारियों के बीच चोली दामन के साथ को अलग करने की कवायद की गई है।

उन्होंने कहा कि यह बिल लागू होने के बाद बाजार से व्यापारियों का काम खत्म हो जाएगा। इससे पहले किसान अपना अनाज बाजार में पहुंचाने से पहले व्यापारियों से अनाज देने के बदले एडवांस पैसे लेकर अपना काम कर लेता था। अब किसान बिल लागू होने के बाद से बाजार से व्यापारियों का लेन-देन पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। जिसके बाद किसान किसके पास जाएगा, यह सरकार नहीं बता रही।

वशिष्ट कुमार गोयल ने कहा कि सरकार के पास देशभर के किसानों का डाटा मौजूद है। अगर सरकार को नया किसान बिल लागू ही करना है तो सबसे पहले किसान से उसकी रजामंदी ली जाए। सरकार जिस तरह से किसानों के अकाउंट में सहायता प्रदान कर रही है। उसी तर्ज पर ऑनलाइन किसानों से उनकी राय लेकर बिल पर दोबारा से चर्चा करें और इस बिल को पूरी तरह से निरस्त करें। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि किसान भाजपा के खिलाफ हैं किसान इस बिल के खिलाफ हैं अगर यह बिल वापस नहीं हुआ तो वह दिन दूर नहीं जब किसान भाजपा के साथ मोहभंग करके अन्य विरोधी दलों के समर्थन में आ जाएंगे जिससे आगामी दिनों में भाजपा की सरकार को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।

वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा है अभी किसानों की मजबूती को देखते हुए ही एनडीए का सबसे पुराना अकाली दल भाजपा का दामन छोड़ चुका है। अगर मोदी सरकार ने तत्काल इस मुद्दे पर फैसला नहीं लिया और बिल को वापस नहीं लिया तो आने वाले समय में और भी भाजपा समर्थित पार्टियां एनडीए से बाहर हो जाए तो इससे इनकार भी नहीं किया जा सकता। वशिष्ठ कुमार गोयल ने किसानों से वादा किया की नवजन चेतना मंच किसानों की आवाज उठाता रहेगा और किसानों की हर लड़ाई लड़ता रहेगा और किसानों तथा व्यापारियों को उनका हक दिलवा कर ही रहेगा।

error: Content is protected !!