“पंजीकृत वाहन, वाहन डीलरशिप को वापस लौटाए जाएं एवं वाहन स्वामियों के पैसे वापस किए जाएं !”: सुप्रीम कोर्ट

दिनांक 08.07.2020 को जारी आदेशों में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जितने भी वाहन लॉकडाउन के दौरान गुड़गांव एवं हरियाणा एवं दिल्ली एनसीआर के परिवहन विभाग में पंजीकृत किए हैं उन सब के पंजीकरण निरस्त माने जाएं एवं वाहन खरीददार को उनके पैसे वापस लौटाए जाएं एवं वाहन संबंधित डीलरशिप को वापस लौटा दिए जाएं ।

ITEM NO.1 Virtual Court 3 SECTION PIL-W

S U P R E M E C O U R T O F I N D I A

RECORD OF PROCEEDINGS

Writ Petition(s)(Civil) No(s). 13029/1985

M.C. MEHTA Petitioner(s)

VERSUS

UNION OF INDIA & ORS. Respondent(s)

(IN RE: REGISTRATION OF BS IV VEHICLES

Date : 08-07-2020 This matter was called on for hearing today.

“It passes comprehension, how sale of vehicles could have been taken place during the lockdown. It was stated that may be that online sales have taken place and it was also stated in the affidavit that distress sales had taken place. Be that as it may, since the transactions given in the tabular form indicate more sales as compared to the data of non-lockdown period, we have no hesitation in recalling the order allowing the vehicles to be sold for 10 days after the lockdown was over. In view of the fact that Members as well as Non-Members had sold more vehicles during lockdown period, we have no hesitation to recall the order dated 27.03.2020 to aforesaid extent as it was passed only on the consideration that during lockdown, they would not be able to sell any vehicle that was the sole consideration for this Court to passed the order. Thus, the benefit of the order cannot be taken two ways by making more sales during the period of lockdown and grace period of ten days further after 31.03.2020. It would be in violation of spirit of this Court’s order, the vehicles shall be treated to be with dealers as if they are not sold and consideration if any received shall be returned forthwith to the purchasers, no such vehicles sold after 31.03.2020 of BS-IV technology shall be registered.”

माननीय उच्चतम न्यायालय ने दिनांक 08.07.2020 को आदेश पारित किए हैं की दिल्ली एनसीआर एवं गुड़गांव में लॉकडाउन के दौरान ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में जितने भी यूरो 4 वाहन पंजीकृत किए गए हैं वो तमाम पंजीकरण माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशानिर्देश दिनांक 27 मार्च 2020 एवं भारत सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश दिनांक 20 अप्रैल 2020 के उल्लंघन में हैं ।

ITEM NO.1 SECTION PIL-W

S U P R E M E C O U R T O F I N D I A

RECORD OF PROCEEDINGS

Writ Petition(s)(Civil) No(s). 13029/1985

M.C. MEHTA Petitioner(s)

VERSUS

UNION OF INDIA & ORS. Respondent(s)

(ONLY I.A. NO. 45883/2020 AND I.A. NO. 45912/2020 AND I..A. NO.

48113/2020(EXTENSION OF TIME) TO BE LISTED ON 27.3.2020 MR. CHANDRA

PRAKASH AND MUDIT SHARMA, ADVOCATES

IA No. 45883/2020 – INTERVENTION/IMPLEADMENT

IA No. 45912/2020 – MODIFICATION)

Date : 27-03-2020 These matters were called on for hearing today.

“In Delhi and NCR region, we are not allowing sale and registration of these kind of vehicles any more. However, in the remaining part of the country, due to the situation which has arisen due to lockdown, it is ordered that not beyond 10% of the vehicles, except with the Dealers in Delhi and NCR region, are permitted to be sold the country.”foresaid number of vehicles to make up the good of six days which were available before the lock-down has been ordered in the country.”

दिनांक 27 मार्च 2020 को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि यूरो वाहन मात्र 31 मार्च 2020 तक ही पंजीकृत हो सकते हैं और चूंकि 23 तारीख को लॉक डाउन लग गया था अतः लॉकडाउन खोलने के उपरांत 1 सप्ताह और रजिस्टर्ड हो सकते हैं किंतु गुड़गांव परिवहन विभाग एवं हरियाणा के अन्य परिवहन विभागों ने माननीय उच्चतम न्यायालय एवं केंद्र सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए लॉकडाउन के दौरान भी धड़ाधड़ यूरो 4 वाहन रजिस्टर्ड किए ।

गुड़गांव के एसडीएम श्री जितेंद्र कुमार ने तो बकायदा एक प्रेस वार्ता में प्रेस नोट भी जारी किया था कि अप्रैल माह में लॉकडाउन के दौरान यूरो 4 वाहन रजिस्टर्ड किए जाएंगे

स्पष्ट है ये पंजीकरण वाहन निर्माताओं एवं उनकी डीलरशिप को फायदा पहुंचाने के लिए किए गए थे ।अब सवाल यह है की गुरुग्राम रजिस्टरिंग अथॉरिटी एवं एसडीएम ऑफिस ने माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशों को मानते हुए अभी तक पंजीकरण निरस्त किए हैं या नहीं ?

वाहन स्वामियों को इस संदर्भ में सूचित भी किया है या नहीं ? वाहन स्वामियों को उनके वाहन के पैसे पूरे लौटाई जाएंगे या अधूरे ? वाहन स्वामियों के इंश्योरेंस के पैसे कौन लौटाएगा ?रजिस्ट्रेशन के पैसे कौन लौटाएगा ?
जो अतिरिक्त चार्ज हैंडलिंग चार्जेस या ओवरहेड के नाम पर लिए गए हैं वह कौन लौटाएगा ?

इन तमाम प्रश्नों पर कशमकश बना हुआ है एवं आम वाहन स्वामी असमंजस में है ।

यह तो वक्त ही बताएगा कि परिवहन विभाग द्वारा किए गए माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशों के उल्लंघन द्वारा उपस्थित इस समस्या का समाधान क्या होगा ।

गौरतलब बात यह है हरियाणा परिवहन विभाग माननीय उच्चतम न्यायालय एवं केंद्र सरकार के आदेशों का इतना खुल के उल्लंघन किसके वरद हस्त में कर रहा है ।

error: Content is protected !!