तब्लीगी जमातियोंको जैसे ही नूंह पुलिस ने उनके पासपोर्ट वापस लौटाए, उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन लगने की वजह से हरियाणा के मुस्लिम बाहुल्य नूंह जिला में पिछले करीब 4 महीने से फंसे विदेशी तब्लीगी जमातियों के अपने वतन लौटने का रास्ता अब साफ हो चुका है. तब्लीगी जमातियों को जैसे ही नूंह पुलिस ने उनके पासपोर्ट वापस लौटाए. उनके चेहरे पर खुशी का ठिकाना नहीं था. अब उन्हें उस पल का इंतजार है, जब उनके मुल्कों की सरकार भारत की सरकार से बातचीत कर उनके उड़ान का रास्ता साफ करेंगी. अब तब्लीगी जमात के सदस्यों को उस पल का इंतजार है, जब उन्हें पासपोर्ट की तरह घर जाने की सूचना मिलेगी.

तब्लीगी जमातियों ने जिला प्रशासन, पुलिस, अदालत, राज्य व केंद्र सरकार के अलावा विधायक आफताब अहमद सहित तबलीगी जमातियों की सेवा में लगे उलेमाओं और अन्य लोगों का आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि अब पुलिस ने उनका पासपोर्ट लौटा दिया है. शुक्रवार को उनके जब्त किए गए दस्तावेज मिल चुके हैं. उनके मुल्कों की सरकार ने भी भारत सरकार से वार्ता शुरू कर दी है.

पुलिस ने जब्त कर लिए थे पासपोर्ट

आपको बता दें की नूंह जिले में विदेशी तब्लीगी जमातियों पर गत 2 अप्रैल को विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके बाद जमातियों के पासपोर्ट और अन्‍य दस्‍तावेज पुलिस ने जब्त कर लिए थे. इस मामले को शौकत अली एडवोकेट, नूरुद्दीन नूर एडवोकेट सहित कई अधिवक्ताओं ने कोर्ट में चुनौती दी. न्यायाधीश एसीजेएम विशाल की अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए करीब 57 विदेशी तब्लीगी जमातियों व दो अन्य पर एक-एक हजार का जुर्माना लगाते हुए सरकार को आदेश दिए कि उनके कागजात वापस लौटाएं जाए और उन्हें उनके वतन भेजा जाए.

कोर्ट के फैसले के बाद लौटाए पासपोर्ट

इसके बावजूद भी जब उनके कागजात नहीं लौटाए गए तो वकीलों ने गत 14 जुलाई को लोअर कोर्ट में एक याचिका डाली, जिसके बाद गत 17 जुलाई को कोर्ट ने जल्द से जल्द पासपोर्ट इत्यादि कागजात वापस लौटाने के आदेश दिए. इसके बाद गत शुक्रवार को सभी विदेशी तब्लीगी जमातियों को उनके पासपोर्ट वापस कर दिए गए. इसी दौरान सरकार ने भी एसीजेएम के फैसले को सेशन कोर्ट नूंह में चुनौती दी, लेकिन सेशन कोर्ट ने एसीजेएम कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए गत 6 जुलाई को फैसला सुना दिया.

कुल 59 तब्लीगी जमातियों का घर लौटने का रास्ता साफ

जानकारी के मुताबिक, कुल 59 लोग थे. इनमें एक अनुवादक यूपी और एक नेपाल से संबंध रखता था. इसके अलावा थाईलैंड से 6 , दक्षिण अफ्रीका से 5, इंडोनेशिया से 11,  बांग्लादेश से 6 पुरुष व 5 महिलाओं सहित कुल 11, श्रीलंका से 24 तबलीगी जमात के सदस्य पिछले करीब 4 महीने से समसुद्दीन हॉस्टल पल्ला में रह रहे थे. इनमें से कई तबलीगी जमातियों को कोरोना भी हुआ था, लेकिन वह स्वस्थ होकर अपने साथियों के पास वापस लौट आए.

जमतियों ने किया धन्यावाद

तबलीगी जमातियों ने केंद्र और राज्य सरकार के अलावा इलाके के नेताओं, उलेमाओं व आमजन का सहयोग के लिए आभार जताया है. साथ ही उनकी सुरक्षा में लगे पुलिस जवानों का भी उन्होंने शुक्रिया जताते हुए कहा कि उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत इस दौरान नहीं हुई. उन्‍होंने बताया कि घर से सिर्फ 1 महीने के लिए जमात में निकले थे, परंतु कोरोना महामारी तथा पासपोर्ट इत्यादि जब्त हो जाने के बाद उन्हें करीब 4 महीने हो चुके हैं. लंबे संघर्ष व कठिनाइयों के बावजूद तबलीगी जमातियों की दुआ कबूल हो चुकी है. अब उनके वापस लौटने की सभी कानूनी अड़चनें उनके रास्ते में बाधा बनने वाली नहीं है.

error: Content is protected !!