20 जुलाई 2020. स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि जिस तरह हरियाणा पुलिस नूंह जिले के तावडू क्षेत्र में दो रिजोर्ट में ठहरे राजस्थान के बागी कांग्रेस विधायकों को सरंक्षण देकर जयपुर में दर्ज खरीद-फरोख्त की एफआईआर की जांच राजस्थान पुलिस को करने से रोक रही है, उससे यह सवाल उठता है कि देश में संविधान व कानून का राज है या भाजपाई-संघियों का फासिस्ट कानून का राज है।

विद्रोही ने कहा कि जयपुर राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त पर दर्ज एफआईआर गलत है या सही, यह तय करने का अधिकरा न्यायालय को है ना कि हरियाणा भाजपा संघी सरकार व हरियाणा पुलिस को। यदि पुलिस का यही व्यवहार रहा तो भविष्य में किसी भी राज्य की पुलिस अन्य राज्यों में विभिन्न अपराध में दर्ज एफआईआर की जांच राजनीतिक आकाओं के इशारे पर अपने-अपने राज्य में होने ही नही देंगी और एक राज्य में गंभीर अपराध करके दूसरे राज्य की पुलिस से अपराधी को सरंक्षण मिलने लगेगा तो कानून का कोई औचित्य ही नही रह जायेगा। 

विद्रोही ने कहा कि नूंह जिले में तावड़ू क्षेत्र के दो होटलों आईटीसी ग्रेंड होटल व बैस्ट कन्ट्री कल्व रिजोर्ट में ठहरे राजस्थान के बागी विधायकों को मोदी-भाजपा-अमित शाह के इशारे पर हरियाणा पुलिस सरंक्षण देकर एक तरह से उन्हे बंधक बनाकर राजस्थान पुलिस को भी विधायक खरीद-फरोख्त मामले की जांच के लिए मिलने नही दे रही है, यह कानून व्यवस्था पर बहुत बडा सवाल है। जब पुलिस राजनीतिक आकाओं के आदेश पर कानून को भी ठेंगा दिखाकर अपराधियों को सरंक्षण देकर जांच नही करने देंगे तो देश में संविधान व कानून का राज बचा ही कहां है? 

विद्रोही ने कहा कि हरियाणा पुलिस खुलेआम आरोपियों व अपराधियों का साथ देकर भारत की लोकतांत्रिक, संघीय व संवैद्यानिक व्यवस्था का मजाक उडा रही है और देश का प्रधानमंत्री मूकदर्शक बना हुआ है। विद्रोही ने कहा कि इस पूरे मामले मेें सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेकर विधायक खराद-फरोख्त में राजस्थान पुलिस की जांच में रोड़े अटकाने वाले हरियाणा पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। विद्रोही ने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट हरियाणा डीजीपी पुलिस, साऊथ रेंज के आईजी व पुलिस कमिश्नर गुडगांव के खिलाफ अपराधिक षडयंत्र के मामले में एफआईआर दर्ज करने व उनके पदों से तत्काल हटाने का निर्देश देकर कानून व संविधान की रक्षा करे। 

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