अशोक कुमार कौशिक

नारनौल। नांगल चौधरी संभाग के कई गांवों के बिजली उपभोक्ताओं को एक महिने के ही एक नही अपितू दो बिल देकर बिजली निगम ने जोर का झटका धीरे से दे डाला। दूसरे बिल में पहले बिल से पांच गुणा ज्यादा राशि दर्शायी हुई है। मामला मीडिया तक पहुंचने के बाद विभाग ने इसे तकनीकी खामी बता कर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया है, लेकिन बिजली निगम की इस लापरवाही ने उपभोक्ताओं की धड़कन बढाने का काम तो किया ही है।

हुआ कुछ यूं कि बिजली निगम द्वारा नांगल चौधरी के करीब गांव कांवी, कांवी की ढाणी, मामराज ढाणी, सिलारपुर, तोताहेठी समेतकरीब दर्जनभर गांवों के बिजली उपभोक्ताओं को इस माह का बिजली बिल अंतिम तारीख 30 जून बताते हुए जारी कर दिए। अनेक उपभोक्ताओं ने बिल मिलने के बाद निगम को इसके पैसे भी जमा करवा दिए लेकिन बिजली उपभोक्ताओं को झटका उस समय लगा जब बिजली निगम ने वही बिल 5 गुना कीमत का बना कर दूबारा उनको भेज दिया। एक ही महीने के दो बिल पाकर बिजली उपभोक्ता भी पशोपेश में पड़ गए, कि आखिर वह करें भी तो क्या?

परेशान उपभोक्ता बिजली निगम कार्यालय पहुंचे जहां उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। परेशान उपभोक्ताओं द्वारा जब यह मामला मीडिया के संज्ञान में लाया गया तो पडताल में यह पाया कि तकनीकी कमी के कारण 1 महीने के दो बिल जनरेट हो गए। हांलाकि परेशान उपभोक्ताओं का कहना है कि माना कि तकनीकी गलती से दो बिल जनरेट हो गये, लेकिन गलत बिल को उपभोक्ताओं तक भेज देना विभाग की लापरवाही को स्पष्ट दर्शाता है। उनका कहना है कि विभाग ने तो इसे महज तकनीकी कमी बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया लेकिन आम बिजली उपभोक्ता यह दूसरा बिल मिलने के बाद कितना मानसिक परेशान हुआ होगा इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।

इस बारे में जब बिजली निगम के एसडीओ कुलदीप सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि जिस एजेंसी को बिल जनरेट करने का काम दिया गया है उसके सरवर में तकनीकी खराबी आने के कारण यह गड़बड़ी हुई है। उन्होंने साफ किया कि उपभोक्ताओं को पहले मिला बिल ठीक है तथा जिन उपभोक्ताओं ने बिल की अदायगी कर दी है उनको दोबारा बिल भरने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि नांगल चौधरी सब डिवीजन के तहत एक ग्रुप के गांवों में यह समस्या हुई है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को पहले मिले बिल की अदायगी करनी है। बाद वाला बिल तकनीकी गलती से जनरेट हुआ है, जिसका उपभोक्ताओं को कुछ नही करना।