-कमलेश भारतीय एक बार फिर गोरखपुर के बाद झांसी के अस्पताल में बड़ा हृदयविदारक कांड सामने आया है। झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल काॅलेज के एन एस यू आई में दो दिन पूर्व हुए भीष्ण अग्निकांड के बाद से हाहाकार मचा है । इसके पीड़ितों ने प्रशासन व अस्पताल अधिकारियों के रवैये पर सवाल उठाने शुरू कर दिये हैं । पीड़ित परिवारों का कहना है कि डाॅक्टर व नर्सों ने बच्चों को बचाने की कोई कोशिश नहीं की बल्कि वे लोग तो पीछे वाले गेट से घटनास्थल से निकल भागे ! वहीं कृपाराम जैसा अभिभावक भी था जो सात नवजात बच्चों को आग में से बचा लाया लेकिन खुद का बच्चा नहीं बचा पाये ! इस अग्निकांड में दस दु़धमुंहों की मृत्यु हो गयी जबकि सोलह का उपचार चल रहा है और 39 नवजात बचा लिये गये ! सबसे दुखद यह कि उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के आगमन की सूचना पाकर स्टाफ उनकी अगवानी के लिए सड़क पर चूने की लाइनें लगाता दिखा और यह स्वागत् सत्कार मानो उनके ज़ख्मों पर नमक छिड़कने जैसा था ! अब वही सरकारी कार्यवाही शुरू हो गयी, जांच कमेटी गठित कर एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा गया है, इसे मरहम मानोगे या मज़ाक -यह फैसला आप, कीजिये ! इससे पहले बुलडोजर बाबा के गोरखपुर में भी कुछ वर्ष पहले मेडिकल अस्पताल में ऐसा बड़ा दिल दहला देने वाला हादसा हुआ था और राहुल व प्रियंका गांधी के आने पर बाबा बोले थे कि मेडिकल अस्पताल को पिकनिक स्पॉट न बनाइये तो बाबा अब कैसे रोकोगे विपक्ष को और क्या कहकर ? अब तो सुप्रीम कोर्ट ने अनाप शनाप बुलडोजर चलाने पर भी नये निर्देश जारी कर दिये हैं तो आप खुद ही अपनी आंखों सारा माजरा समझने वहां जाते ! अभी तो एक बाबा के सत्संग में मची भगदड़ पर भी आपने कोई कृपा दृष्टि नहीं की । वे वाले बाबा अपने आश्रम में सकुशल पहुंच गये थे, पीड़ितों को उनके और आपके प्रशासन के रहम ओ करम पर छोड़कर ! क्या ऐसे हृदयविदारक कांडो़ंं पर कोई भी सरकार इतनी बेरुखी अपना सकती है और क्या यह लोककल्याण नहीं है या ऐसा कल्याण सरकार करने के मूड में या मोड में नहीं है? बहुत दुखद रवैया ! उपमुख्यमंत्री का सत्कार करने वाले प्रशासनिक अधिकारी मानो बशीर बद्र के शब्दों में कहते हैंं इबादतों की तरह मैं ये काम करता हूँमेरा उसूल है, पहले सलाम करता हूँ!!-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी । 9416047075 Post navigation प्रस्तावित परिसीमन से भारत के संघीय ढांचे को खतरा