17 मई 2020, स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक वक्तव्य में कहा मैंने तो एक पखवाड़े पूर्व ही कहा था हरियाणा शराब घोटाला सत्ताधारियों की मिलीभगत से हुआ लगभग एक हजार करोड रुपए का घोटाला है व हरियाणा सरकार की एसआईटी इस मामले का सच सामने लाने में सक्षम नहीं और इस घोटाले की जांच पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में हो!

विद्रोही ने कहा अब तक का घटनाक्रम मेरी आशंका को सही साबित कर रहा है1 अब तो गृह मंत्री अनिल विज भी कह रहे सभी शराब ठेकों, गोदामों की जांच के बाद यह बहुत बड़ा घोटाला हो सकता है1 लोक डाउन दौरान शराब गोदामो पुलिस थानों से भारी मात्रा में सील शराब की चोरी होकर होम डिलीवरी हुई1 लोगों को लोग डाउन में जमकर शराब मिल रही थी1 इसका जीवन प्रमाण है कि जब देशभर में विभिन्न राज्यों में शराब के ठेके खुले तो शराबियों की भारी भीड़ शराब ठेकों के सामने उमड़ी1 पर हरियाणा में ऐसी कोई अफरा-तफरी मचना तो दूर शराब ठेकों पर रूटीन की ही भीड़ रही1 हरियाणा में शराब ठेकों पर भारी भीड़ इसलिए नहीं उमड़ी क्योंकि लोक डाउन में उन्हें लगातार होम डिलीवरी से भरपूर शराब की मिल रही थी1 किसी के पास शराब की कोई कमी नहीं थी1

विद्रोही ने कहा पूरे प्रदेश में जिस ढंग से लोक डाउन में शराब की होम डिलीवरी हुई वह उच्च सत्ताधारियों की मिलीभगत के बिना संभव ही नहीं थी1 लोक डाउन में शराब के सील गोदामों, पुलिस थानों में सील शराब की चोरी व चोरी की गई शराब की होम डिलीवरी करवाके सत्ताधारी नेताओं, पुलिस, आबकारी विभाग, प्रशासनिक अफसरों ने मोटी चांदी कूटी1 और अब जांच के नाम पर लीपापोती का खेल चल रहा है1 होम डिलीवरी, सील गोदामों से शराब चोरी के घोटाले के इस खेल में गृह मंत्री अनिल विज शामिल नहीं थे इसलिए वे जांच करवाने का भरसक प्रयास करके अपनी शतरंजी राजनीतिक बिसात बिछाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं1

विद्रोही ने कहा वहीं इस मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री का रवैया निष्पक्ष स्वतंत्र जांच में हरसंभव रोड़े अटकाकर किसी तरह मामले को रफा-दफा करना है1 उन्होंने भी उसकी बिछात बिछा दी 1मुख्यमंत्री ने पहले तो विशेष जांच दल की एसआईटी की जगह गजट नोटिफिकेशन में एसइटी बनाया1 जांच के लिए गठित एसईटी के अधिकार व इंक्वायरी दायरा सीमित करके 31 मई तक जांच रिपोर्ट देना अनिवार्य किया1 जो अपने आप बता रहा है भविष्य में कैसी रिपोर्ट आएगी? कैसे बड़ी मछलियों को बचाकर सारा दोष छोटी मछलियों पर डालकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की नौटंकी करके मगरमच्छों को साफ बचा लिया जाएगा1

विद्रोही ने कहा वहीं कथित एसईटी का प्रमुख उस आईएएस अधिकारी को बनाया है जो स्वयं भूमि अधिग्रहण मामले में सीबीआई जांच के बोझ से दबा हुआ है1 जिस अधिकारी की नस सरकार के पास दबी हुई हो और जो खुद सीबीआई जांच की आंच में जल रहा हो वह कैसी जांच रिपोर्ट देगा और अपनी खाल बचाने के लिए वही कहेगा, वही रिपोर्ट देगा जो संघी सरकार चाहेगी1 तो ऐसी स्थिति में निष्पक्ष स्वतंत्र जांच का सवाल ही कहां उठता है1

विद्रोही ने मांग की शराब घोटाले के असली सरगनाओं को बेनकाब करने के लिए आवश्यक है इस बड़े शराब घोटाले की निष्पक्ष-स्वतंत्र जांच पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में विशेष अधिकार संपन्न जांच दल से करवाई जाए ताकि निष्पक्ष व स्वतंत्र जांच से शराब घोटाले के असली सरगनाओं के चेहरे बेनकाब करके उन्हें कानून अनुसार दंडित किया जा सके1

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