गृहमंत्री का दंतेवाड़ा दौरा: 4-5 अप्रैल 2025
भारत में जिलास्तरीय दबंगों,माफियाओं,सट्टा जुआ किंग्स पर भी रणनीतिक शिकंजा क़सनें उच्चस्तरीय बैठकें समय की मांग
– एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी

भारत की रणनीति: क्या नक्सलवाद का नामोनिशान मिट जाएगा?
भारत सरकार ने नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए “टारगेट माओवाद 2026” नामक एक कठोर और प्रभावी रणनीति अपनाई है। इसके तहत, 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से मिटाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी सिलसिले में केंद्रीय गृहमंत्री 4-5 अप्रैल 2025 को दंतेवाड़ा का दौरा करने जा रहे हैं, जहां वे नक्सल उन्मूलन के लिए किए गए प्रयासों की समीक्षा करेंगे।
नक्सलवाद पर शिकंजा: सरकार की नीति
पिछले कुछ वर्षों में सरकार की आक्रामक रणनीति के चलते नक्सली गतिविधियों में उल्लेखनीय कमी आई है। आंकड़ों के अनुसार:

2010 की तुलना में 2024 में नक्सली हिंसा में 73% की कमी आई है।
नक्सली हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या में 86% की गिरावट आई है।
2024 में अब तक 235 से अधिक नक्सली मारे गए हैं, जबकि 723 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
812 से अधिक नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं।
गृहमंत्री का दंतेवाड़ा दौरा
गृहमंत्री इस दौरे के दौरान निम्नलिखित गतिविधियों में शामिल होंगे:
नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक।
दंतेवाड़ा में ऑपरेशन की प्रगति का निरीक्षण।
बस्तर पंडुम उत्सव में भागीदारी, जो बस्तर की पारंपरिक संस्कृति का प्रतीक है।
नक्सल विरोधी अभियानों में शामिल सुरक्षाकर्मियों से मुलाकात।
मां दंतेश्वरी मंदिर के दर्शन।
नक्सलियों के खिलाफ हालिया सफलताएँ
सरकार की “जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत, 2025 में अब तक कई महत्वपूर्ण ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरे किए गए हैं:

4 जनवरी: अबूझमाड़ में 5 नक्सली मारे गए।
9 जनवरी: सुकमा-बीजापुर बॉर्डर पर 3 नक्सली ढेर।
12 जनवरी: बीजापुर में 5 नक्सली मारे गए।
16 जनवरी: छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर 18 नक्सली ढेर।
20-21 जनवरी: गरियाबंद में 16 नक्सली मारे गए।
9 फरवरी: बीजापुर में 31 नक्सली मारे गए।
28 मार्च: सुकमा में 16 नक्सली ढेर।
विकास पहल और सरकारी प्रयास
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए हैं:
14,400 किलोमीटर सड़कों का निर्माण।
6,000 से अधिक मोबाइल टावर स्थापित।
जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर नक्सल फंडिंग रोकने की योजना।
क्या नक्सलवाद का अंत समीप है?
वर्तमान रणनीति और कठोर नीतियों को देखते हुए, यह कहना गलत नहीं होगा कि नक्सलवाद अपने अंतिम चरण में है। सरकार के कठोर रुख और आत्मसमर्पण नीति के चलते, अब नक्सली गुट टूट रहे हैं और आत्मसमर्पण को प्राथमिकता दे रहे हैं। यदि यही गति बनी रही, तो 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त होने की संभावना प्रबल है।
निष्कर्ष
भारत सरकार की “टारगेट माओवाद 2026” नीति नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक युद्ध की दिशा में आगे बढ़ रही है। गृहमंत्री का आगामी दौरा इस रणनीति की समीक्षा और भविष्य की योजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए महत्वपूर्ण होगा। साथ ही, जिला स्तर पर माफिया, सट्टा, और अन्य आपराधिक तत्वों पर भी शिकंजा कसने की आवश्यकता है, जिससे देश को पूरी तरह से सुरक्षित और स्थिर बनाया जा सके।
-संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र