प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस विशेष आर्थिक पैकेज में भूमि, श्रम, नकदी और कानून पर जोर दिया जाएगा. मोदी ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज से विशेष आर्थिक पैकेज से जुड़ी विस्तृत जानकारी साझा करेंगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन से प्रभावित लोगों एवं उद्योगों के लिए 20 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक पैकेज की घोषणा की है. यह भारत की जीडीपी के 10 फीसदी के बराबर है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस विशेष आर्थिक पैकेज में भूमि, श्रम, नकदी और कानून पर जोर दिया जाएगा. मोदी ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज से विशेष आर्थिक पैकेज से जुड़ी विस्तृत जानकारी साझा करेंगी. सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने इस आर्थिक पैकेज में से कुछ हिस्सा पहले ही घोषणा कर चुकी है.

7.79 लाख करोड़ रुपये की हो चुकी घोषणा

सरकार और आरबीआई ने इससे पहले 7.79 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है. 27 अप्रैल को केंद्रीय बैंक ने कहा था कि म्यूचुअल फंड पर मंडरा रहे लिक्विडिटी दबाव को कम करने के लिए 50,000 करोड़ रुपये का स्पेशल लिक्विडिटी सुविधा देने का फैसला किया है.

वहीं, 17 अप्रैल को आरबीआई ने 25 हजार करोड़ रुपये सिस्टम में डालते हुए 1 लाख करोड़ रुपये का लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन (TLTRO) जारी किया था. साथ ही, रिफाइनेंस स्कीम के जरिए NBFCs को 50,000 करोड़ रुपये आवंटित किया गया था.

3.74 लाख करोड़ रुपये सिस्टम में डाले

27 मार्च को आरबीआई ने कहा था कि अन्य उपायों के साथ सिस्टम में 3.74 लाख करोड़ रुपये डाले हैं. इसमें से 2.8 लाख करोड़ रुपये फरवरी और 27 मार्च  के बीच फाइनेंशियल मार्केट में डाले गए हैं. भारत सरकार की ओर से घोषित इस पैकेज में गरीबों के लिए अनाज उपलब्ध कराने तथा गरीब महिलाओं व बुजुर्गों को नकद मदद देने के लिए घोषित 1.7 लाख करोड़ रुपये का पैकेज और रिजर्व बैंक की तरफ से की जा चुकी घोषणाएं शामिल.

जापान और अमेरिका के बाद स्वीडन ने जीडीपी का 12 फीसदी, जर्मनी ने 10.7 फीसदी के राहत पैकेज का ऐलान किया है. भारत के बाद फ्रांस 9.3 फीसदी, स्‍पेन 7.3 फीसदी, इटली 5.7 फीसदी, ब्रिटेन 5 फीसदी, चीन 3.8 फीसदी, और दक्षिण कोरिया 2.2 फीसदी के राहत पैकेज दिया है.

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