– मंडलायुक्त ने कहा, बरसात में नही होनी चाहिए जलभराव की समस्या, यातायात सुविधा को भी सुचारू रखने के दिए निर्देश
– डीसी अजय कुमार ने बताया, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए किए जा रहे हैं सभी आवश्यक प्रबंध
गुरुग्राम, 26 मार्च। मंडल आयुक्त आर.सी. बिढान ने जिला में मॉनसून पूर्व जलभराव की समस्या के निदान के लिए जिला प्रशासन द्वारा की जा रही तैयारियों के संबंध में बुधवार को लघु सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मंडलायुक्त ने बैठक में मौजूद जीएमडीए, नगर निगम, एचएसवीपी, इरीगेशन, पब्लिक हेल्थ के अधिकारियों को क्रिटिकल पॉइंट्स के अलावा जिन संभावित स्थानों पर जलभराव की समस्या हो सकती है। ऐसे स्थानों को भी चिह्नित करने के निर्देश दिए।
बैठक में मंडलायुक्त ने स्पष्ट किया कि संबंधित क्षेत्रों में बरसात के दिनों में यातायात सुविधा सुचारू रखने के लिए जल भराव जैसी समस्या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी विभाग आपसी तालमेल बनाकर जहां-जहां बरसाती पानी जमा होता है उन जगहों का निरीक्षण करें। इससे नियमानुसार पानी निकासी के लिए जो भी इंतजाम हो सके उनको जल्द से जल्द पूरा करे।
उन्होंने कहा कि अंडरपास में होने वाले जलभराव की निकासी के लिए उचित व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे पानी तेजी से बाहर निकल सके। भारी बारिश के दौरान तुरंत जल निकासी के लिए मोटर पंप लगाए जाएं। इसके अलावा जल निकासी के लिए बनाए गए नाले की नियमित सफाई कराना सुनिश्चित करें ताकि सिल्ट जमा न हो। इससे कचरा और मिट्टी जल प्रवाह को बाधित नहीं करेगा। मंडलायुक्त ने डीसी अजय कुमार को निर्देश दिए कि वे इस कार्य की एसडीएम स्तर के अधिकारी से निरन्तर मॉनिटरिंग करा कर अपनी समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि जीएमडीए द्वारा 21 स्थानों पर पानी निकासी के लिए मॉकड्रिल अधिकारियों के सामने की जाए।
बैठक में डीसी अजय कुमार ने मंडलायुक्त को जलभराव की समस्या से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों से अवगत कराते हुए बताया कि बरसात के कारण शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए पर्याप्त प्रबंध सुनिश्चित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को उनके अधिकार क्षेत्र में नालों की सफाई के निर्देश दिए गए हैं। यह कार्य जून माह से पहले पूरा कर लिया जाएगा। जलभराव के कारण आमजन को परेशानी न हो इसका विशेष ध्यान रखते हुए सभी आवश्यक समाधान सुनिश्चित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से उचित प्रबंधों के माध्यम से क्रिटिकल पॉइंट्स की संख्या को कम किया जा रहा है। इस वर्ष 13 पॉइंट्स को चिह्नित कर वहां जलभराव की निकासी को लेकर आवश्यक इंतजाम किए जा रहे हैं। बैठक में जीएमडीए अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि बारिश के दौरान पानी अधिक देर तक सड़क पर नहीं बहेगा। इससे जलभराव और यातायात जाम की समस्या नहीं बनेगी।
बैठक में एचएसवीपी की प्रशासक वैशाली सिंह, जीएमडीए के एडीशनल सीईओ विश्वजीत चौधरी, जीएमडीए के कार्यकारी अभियंता विक्रम सिंह और जिला आपदा प्रबंधन से प्रोजेक्ट ऑफिसर पूनम सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।