यज्ञ सम्राट ने सभी किए प्रवचन, बोले “ये महिलाएं नहीं शक्तियां हैं”
महायज्ञ, सत्संग, प्रवचन, आरती में भारी संख्या में शामिल हुई महिलाएं।
सत्य परेशान जरूर होता है, परंतु पराजित नहीं होता।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 23 मार्च : धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के केशव पार्क में चल रहे 1008 जन कल्याण शिव शक्ति महायज्ञ में भारी संख्या में नारी शक्ति ने भाग लेते हुए यजमान के रूप में मंत्रोच्चारण के बीच यज्ञ में आहुतियां डाली। इतना ही नहीं 1000 से अधिक महिलाओं ने एक साथ यज्ञशाला की परिक्रमा भी की।
इस मौके पर यज्ञ सम्राट स्वामी हरिओम महाराज ने सत्संग, प्रवचन करते हुए कहा कि ये महिलाएं नहीं शक्तियां हैं। जब जब जरूरत पड़ी है तब तब शक्तियां जागृत हुई हैं। उन्होंने कहा कि सत्य परेशान जरूर होता है, परंतु पराजित नहीं होता। जिस परमार्थ भाव के साथ कुरुक्षेत्र के केशव पार्क में 1008 जनकल्याण शिव शक्ति महायज्ञ चल रहा है। परमात्मा की कृपा से ये महायज्ञ सफलतापूर्वक सम्पन्न होगा। उन्होंने अपने प्रवचनों में कहा कि यज्ञ करने से पर्यावरण शुद्ध होता है। वर्तमान में पर्यावरण लगातार प्रदूषित होता जा रहा है। ऐसे में पर्यावरण को शुद्ध करने की आवश्यकता है और पर्यावरण को शुद्ध करने का यज्ञ ही एक माध्यम है। वर्तमान समय में बढ़ते प्रदूषण से पूरा विश्व चिंतित नजर आ रहा है। यदि प्रत्येक घर में यज्ञ होना प्रारंभ हो जाए तो प्रदूषण की समस्या स्वत: समाप्त हो जाएगी।

इस मौके पर उनके साथ साहिल सुधा, सुगंधा सुधा, हरीश शर्मा, तुषार सैनी आदि भी मौजूद रहे।
केशव पार्क में पत्रकारों से बातचीत करते हुए स्वामी हरिओम महाराज ने कहा कि धर्मनगरी के केशव पार्क में 18 से 27 मार्च तक 1008 कुण्डीय जनकल्याण शिव शक्ति महायज्ञ चल रहा है। इस महायज्ञ में हर रोज एक लाख आहुतियां डाली जा रही है। 27 मार्च तक चलने वाले महायज्ञ को पूरा करवाने के लिए देश भर से 1200 प्रकांड ब्राह्मण व 1500 विद्वान कुरुक्षेत्र में पहुंचे हुए हैं। लोगों में भी महायज्ञ के प्रति गहरी श्रद्धा व उत्साह दिखाई दे रहा है। बड़ी संख्या में सुबह से ही श्रद्वालु यहां पहुंच जाते हैं यज्ञ में आहुतियां डालने के साथ साथ सत्संग और दिव्य महाआरती में भी बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। उन्होंने बताया कि यह 102वां यज्ञ है। उन्होंने पूरे भारत वर्ष में 108 महायज्ञ करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि प्रकृति को बचाने के लिए यज्ञ बहुत जरुरी है। उनका उद्देश्य है कि घर-घर यज्ञ, हर घर यज्ञ। हर घर में यज्ञ का आयोजन किया जाए। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे इस 1008 कुंडीय यज्ञ में आहुति अवश्य डाले। यदि कोई इस महायज्ञ में शामिल नही हो सकता तो वह अपने घर से ही आहुति डाले। आजकल जो आप्राकृतिक घटनाएं हो रही है उससे यज्ञ द्वारा ही निजात पाई जा सकती है।